ठाणे : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण पिछले ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) की आय (Income) पर असर पड़ा था। लेकिन इसके बावजूद जलापूर्ति विभाग (Water Supply Department) ने बीते साल अच्छी वसूली करते हुए 154 करोड़ रूपए की वसूली किया था।
लेकिन वहीं इस वर्ष अर्थात 2021-22 में महानगरपालिका जलापूर्ति विभाग ने पिछले साल की तुलना में इस साल 40 करोड़ रुपए की कम जल कर वसूल किये जाने का मामला सामने आया है। हालांकि, इसके पीछे महानगरपालिका प्रशासन का तर्क है कि इस साल भी अप्रैल और मई में कोरोना का संक्रमण होने के कारण बिल देरी से दिए जाने और स्मार्ट मीटरिंग पद्धति द्वारा बिल की वसूली किये जाने का असर जल वसूली पर पड़ा है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2020-21 के आर्थिक वर्ष की शुरुआत होते ही अर्थात अप्रैल महीने में कोरोना महामारी के शुरू होते ही लागू किए गए लॉकडाउन ने आम लोगों के साथ ठाणे महानगरपालिका के विभिन्न आय पर भी भारी असर डाला था। मार्च महीने से लागू किए लॉकडाउन के चलते हर तरह के लेनदेन पूरी तरह बंद हो गए थे। लॉकडाउन लगने के दो महीने बाद महानगरपालिका के संपत्ति कर विभाग ने कर वसूली शुरू कर दी थी। लेकिन जल वसूली शुरू नहीं हो पाई थी। हालांकि महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. विपिन शर्मा के मार्गदर्शन में वर्ष 2020 के जुलाई महीने के आखिरी दिनों से जल कर वसूली अभियान भी शुरू कर दिया गया था।
कोरोना महामारी के बावजूद वर्ष 2020-21 में महानगरपालिका जलापूर्ति विभाग ने एक अप्रैल से 28 मार्च तक 154 करोड़, 5 लाख 41 हजार 633 रूपए की वसूली किया था। जबकि पिछले वर्ष सिर्फ 28 मार्च को 53 लाख 65 हजार 380 रुपए की वसूली किया था। लेकिन इस बार पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष तकरीबन 40 करोड़, 11 लाख 13 हजार 551 रूपए कम वसूला गया है।
वहीं इस वर्ष महानगरपालिका प्रशासन ने 113 करोड़ 93 लाख 98 हजार, 82 रूपए जल कर के रूप में वसूल किया है। जिसमें शहर में बिना मीटर वाले ग्राहकों से 62 करोड़ 29 लाख 49 हजार 819 रूपए और स्मार्ट मीटरिंग पद्धति वाले ग्राहकों से 44 करोड़ 20 लाख 69 हजार 838 रूपये इस प्रकार कुल 106 करोड़ 50 लाख 19 हजार 657 रूपए का समावेश है। जबकि महानगरपालिका के सीएफसी और अन्य मदों से तक़रीबन 7 करोड़ 43 लाख 78 हजार 425 रूपए की वसूली जल कर के रूप में की गई है।
मार्च महीने क्लोजिंग का होता है। साथ ही जलापूर्ति विभाग द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम वसूली किए जाने को लेकर महानगरपालिका कमिश्नर ने गंभीरता से लेते हुए अवकाश के दिन अर्थात शनिवार, 26 मार्च और रविवार 27 मार्च को भी जल कर संकलन के लिए सभी कार्यालय खोलने का निर्देश दिया था। ऐसे में अवकाश के दिन भी जहां महानगरपालिका जलापूर्ति विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वसूली करते नजर आए वहीं ग्राहकों ने भी अच्छा प्रतिसाद दिया। महानगरपालिका जलापूर्ति विभाग ने 26 मार्च को 85 लाख 49 हजार और 27 मार्च को 49 लाख 50 हजार रुपए की वसूली किया था। इस प्रकार दोनों दिन अवकाश के समय में भी महानगरपालिका जलापूर्ति विभाग ने तकरीबन एक करोड़ 49 लाख 90 हजार रूपए की वसूली करने में सफल रही।