उल्हासनगर गरबा फायरिंग मामले के आरोपी गिरफ्तार (pic credit; social media)
Ulhasnagar Garba Firing Case: उल्हासनगर गरबा फायरिंग मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी पिता-पुत्र सोहम पवार (19) और अनिल पवार को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के कब्जे से पिस्तौल भी जब्त की गई है। नागरिकों ने राहत की सांस ली है और उम्मीद जताई है कि इससे इलाके में फिर से शांति कायम होगी।
मामला कैंप नंबर 2 में मंगलवार रात के गरबा कार्यक्रम का है। सैकड़ों गरबा प्रेमियों के सामने सोहम पवार ने शिवसेना शाखा प्रमुख बाला भागुरे पर पिस्तौल तान दी और ’मैं यहां का भाई हूँ’ चिल्लाते हुए हवा में दो गोलियां चलाईं। उसके पिता अनिल पवार ने भी उसका साथ दिया और इलाके में अफरा-तफरी मचाने की कोशिश की। इस घटना ने त्योहार के खुशनुमा माहौल को पल भर में भय और भागदौड़ में बदल दिया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस उपायुक्त सचिन गोरे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संतोष आव्हाड के नेतृत्व में दल घटनास्थल पर पहुंचा। गवाहों के बयान दर्ज किए गए और तुरंत मामला दर्ज कर लिया गया।
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बुधवार को उल्हासनगर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने तलाशी अभियान चलाकर आरोपी पिता-पुत्र को कैंप नंबर 4 से गिरफ्तार किया। उनके पास से अपराध में प्रयुक्त पिस्तौल भी बरामद की गई। पुलिस ने कहा कि नवरात्रि जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के दौरान आतंक फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई से नागरिकों में भय कम हुआ है। स्थानीय लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि अब वह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि इस तरह की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जाएगी और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को रोकने के लिए सतर्कता बरती जाएगी।
उल्हासनगर में गरबा जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में नागरिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे गिरोहों को नहीं बख्शा जाएगा और इलाके में शांति कायम रखने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है।