ठाणे जिला परिषद (pic credit; social media)
Thane Zilla Parishad-Panchayat Elections: ठाणे जिले में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य चुनाव आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीख घोषित नहीं की है, लेकिन मतदाता सूची जारी करना, पंचायत समितियों के अध्यक्ष पद का आरक्षण और जिला परिषद की सीटों का आरक्षण होने के बाद चुनाव की घंटी कभी भी बज सकती है।
जिलाधिकारी कार्यालय के योजना भवन में जिला परिषद की कुल 53 सीटों में से 27 सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इसमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 2 सीटें, अनुसूचित जनजाति के लिए 7 सीटें, पिछड़ा वर्ग के लिए 7 और सामान्य वर्ग के लिए 11 सीटें शामिल हैं। जिप अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण पहले ही घोषित किया जा चुका है। ठाणे जिला परिषद अध्यक्ष का पद सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है।
राज्य में निकाय चुनाव दिवाली के बाद चरणों में आयोजित होने हैं। आरक्षण की घोषणा के बाद जिले के ग्रामीण क्षेत्र में राजनीतिक दलों के पदाधिकारी और चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि आरक्षण से राजनीतिक समीकरण बदलने वाले हैं। कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव लड़ने की तैयारी की थी, लेकिन आरक्षण की लाटरी ने उनकी रणनीति को प्रभावित किया है।
पंचायत समितियों के अध्यक्ष पद का आरक्षण भी पहले ही घोषित किया जा चुका है। शाहपुर पंचायत समिति के अध्यक्ष पद के लिए एसटी वर्ग, मुरबाड के लिए सामान्य वर्ग, कल्याण के लिए पिछड़ा वर्ग, भिवंडी के लिए अनुसूचित जनजाति महिला और अंबरनाथ के अध्यक्ष पद के लिए सामान्य महिला वर्ग आरक्षित किया गया है।
राजनीतिक दल अब इन आरक्षित सीटों के हिसाब से रणनीति तैयार कर रहे हैं। उम्मीदवार और पार्टी कार्यकर्ता प्रचार और संगठन मजबूत करने में जुट गए हैं। आरक्षण की इस घोषणा ने चुनावी हवा बदल दी है और आगामी चुनाव को रोचक और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
जिले में अब ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ गई है। हर कोई चुनावी समीकरण समझने और अपने समर्थन को मजबूत करने में लगा हुआ है। ठाणे जिले में यह चुनाव न सिर्फ नेताओं बल्कि जनता के लिए भी महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने वाला है।