
ट्रैफिक चालान कटता पुलिस कर्मी। इमेज-सोशल मीडिया
Lok Adalat Traffic Challan: आपका ट्रैफिक चालान अब तक पेंडिंग है तो 13 दिसंबर की तारीख याद रखें। इस दिन देश भर में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई जाएगी। यहां आप अपना चालान बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के आसानी से सुलझा सकते हैं। इसका उद्देश्य अदालतों पर बढ़ते बोझ को कम करना है। ट्रैफिक से जुड़े पुराने मामलों को तेजी से निपटाना भी उद्देश्य है।
यह आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के तहत होता है। यह वाहन चालकों को छोटे ट्रैफिक उल्लंघनों को जल्दी सुलझाने का मौका देता है। कई बार चालान राशि में आंशिक छूट मिलती है। मतलब आप सही तैयारी के साथ जाते हैं तो नए साल की शुरुआत बिना कानूनी झंझट के कर सकते हैं।
इस साल की चौथी और अंतिम लोक अदालत 13 दिसंबर को लगेगी। यहां उन मामलों की सुनवाई होगी, जिन्हें आपसी सहमति से निपटाया जा सकता है। लोक अदालत दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में लगेगी। आपके पास कोई गाड़ी है और आपके नाम पर पेंडिंग ई-चालान है और कोर्ट की बड़ी कार्रवाई शुरू नहीं हुई है तो आप लोक अदालत में इसे निपटा सकते हैं। आपके लिए पेंडिंग चालान को खत्म करने का शानदार मौका है।
बिना हेलमेट चलाना, सीट बेल्ट नहीं लगाना, रेड सिग्नल तोड़ना, गलत पार्किंग, पीयूसी नहीं होना, इंश्योरेंस एक्सपायर होना आदि मामले शामिल होंगे। ध्यान रखें कि गंभीर मामलों-नशे में ड्राइविंग, हिट एंड रन या किसी को चोट/ मौत पहुंचाने वाले केस लोक अदालत में शामिल नहीं किए जाते है। अपने राज्य की ट्रैफिक पुलिस या ई-चालान वेबसाइट पर जाकर लंबित चालानों की जांच कर लें। कई राज्यों में पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या टोकन लेना होता है।
मूल चालान या ऑनलाइन चालान की प्रिंटेड कॉपी, वाहन का RC (मूल और फोटो कॉपी), ड्राइविंग लाइसेंस (मूल और कॉपी), मान्य पहचान पत्र (आधार, वोटर आईडी कार्ड आदि), रजिस्ट्रेशन स्लिप/ टोकन (ऑनलाइन बुकिंग करने पर)। इन सभी के मूल कागजात और कॉपी दोनों साथ में रखें।
आप निर्धारित कोर्ट में समय पर पहुंचकर मामला कंसिलिएशन बेंच के सामने रखें। बातचीत और सहमति के आधार पर चालान की राशि कम हो सकती है। कई मामलों में छूट भी मिलती है। आपको भुगतान के बाद आधिकारिक रसीद मिल जाएगी और चालान डिस्पोज्ड माना जाएगा।
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लोक अदालत में कम जुर्माना, बिना कोर्ट की लंबी सुनवाई, कोई अतिरिक्त कोर्ट फीस नहीं, समय और पैसे दोनों की बचत होती है। आप इस अवसर को नजरअंदाज करते हैं, तो आगे जुर्माना बढ़ सकता है। इतना ही नहीं कानूनी कार्रवाई भी शुरू हो सकती है। आपका चालान लंबित है तो यह मौका मत गंवाएं।






