
रविंद्र चव्हाण (सौ. X )
Maharashtra Local Body Election: ठाणे एवं पालघर जिले को शिवसेना का गढ़ माना जाता रहा है। राज्य के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का ठाणे जिले में वर्चस्व है, लेकिन स्थानीय निकायों के चुनाव के पहले भाजपा में शुरू इन कमिंग से शिवसेना की बेचैनी बढ़ गयी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद से रविंद्र चव्हाण ठाणे एवं पालघर जिले में पार्टी को नंबर वन बनने में जुट गए हैं। उप मुख्यमंत्री शिंदे के पुत्र डॉ। श्रीकांत शिंद के संसदीय क्षेत्र की मनपाओं, नगरपालिकाओं एवं जिला परिषद की सीटों पर कब्जा जमाने को लेकर चव्हाण ने रणनीति तैयार की है। जिसके तहत दूसरी पार्टियों के पूर्व नगरसेवकों, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल किया जा रहा है।
पिछले दिनों कल्याण डोंबिवली के कई पूर्व नगरसेवकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। गुरुवार को मुंबई स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शिवसेना (यूबीटी), बविआ, मनसे के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए।
इनमें जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सुभाष पवार का नाम भी शामिल है। लोकसभा चुनाव में भिवंडी सीट से तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री कपिल पाटिल को पराजय का सामना करना पड़ा था। भाजपा के अंदर खाने में इस बात की चर्चा है कि पाटिल की हार के पीछे शिवसेना का हाथ है। जबकि विस चुनाव में भाजपा का स्ट्राइक रेट शत प्रतिशत रहा है। जिसकी बजह से भाजपा ठाणे एवं पालघर जिले में खुद को नंबर वन बनने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दी है।
पिछले दिनों कल्याण-डोंबिवली में शिवसेना के चार पूर्व नगरसेवक भाजपा में शामिल हुए थे। जिसको लेकर शिवसेना के उप विभाग प्रमुख ने रविंद्र चव्हाण के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी। अब एक सप्ताह के भीतर पार्टी प्रवेश के दूसरे कार्यक्रम ने शिवसेना की बेचैनी बढ़ा दी है।
हरिचंद्र पराडकर, शाखा प्रमुख सचिन कोर्लेकर, लक्ष्मण नकाते, प्रदीप सागवेकर, हेमंत म्हात्रे, प्रवीण चव्हाण, एड। कविता महात्रे, शाखा अध्यक्ष गणेश यादव और विभाग अध्यक्ष समीर पाटिल भी भाजपा में शामिल हुए। जिससे मनसे नेता एवं पूर्व विधायक राजू पाटिल को बड़ा झटका लगा है।
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