उल्हासनगर में जल संकट (pic credit; social media)
Ulhasnagar Water Crisis: उल्हासनगर के श्रीराम नगर इलाके के नागरिक पांच दिन से पानी के अभाव में बेहाल हैं। 9 अक्टूबर से नल सूखे पड़े हैं और 120 घंटे बीत जाने के बाद भी पानी की एक बूंद नहीं आई। गुस्साई सैकड़ों महिलाएं सिर पर खाली बर्तन लेकर जल आपूर्ति विभाग के सामने सड़कों पर उतर आईं और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
स्थानीय भाजपा पदाधिकारी योगेश म्हात्रे ने इस असहनीय हालात में आत्मदाह की कोशिश की, जिससे कुछ देर के लिए माहौल गंभीर हो गया। इलाके के लोग अब प्रशासन की असफलताओं से नाराज हैं। श्रीराम नगर इलाके का यह क्षेत्र शहर के कैंप क्रमांक 4 में आता है।
पांच दिन तक पानी न मिलने के बाद नागरिकों का धैर्य जवाब दे गया। सोमवार सुबह प्रभात गार्डन इलाके में जल आपूर्ति विभाग के सामने भारी भीड़ जुट गई। महिलाएं सिर पर मटके लेकर ‘हमें पानी चाहिए, आश्वासन नहीं!’ और ‘24 घंटे की बात कही थी, अब 120 घंटे हो गए’ जैसे नारे लगाने लगीं। पूरा इलाका गूंज उठा।
स्थानीय नागरिकों ने अधिकारियों से सवाल किया कि शहर के अन्य हिस्सों में पानी आ रहा है तो श्रीराम नगर प्यासा क्यों है, लेकिन अधिकारियों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जल आपूर्ति विभाग ने गुरुवार और शुक्रवार को 24 घंटे का शटडाउन की घोषणा की थी, लेकिन उसके पांच दिन बीत जाने के बावजूद पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हुई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार पानी न मिलने से रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। नलों के सूखने से घरों में स्वच्छता और पीने के पानी की समस्या गंभीर हो गई है। कई महिलाओं ने कहा कि अब उनका धैर्य टूट चुका है और प्रशासन को तुरंत कदम उठाना चाहिए।
इस संकट ने दिखा दिया कि छोटी सी अनदेखी भी किस तरह बड़े स्तर पर नागरिकों की नाराजगी और आक्रोश को जन्म दे सकती है। अब इलाके के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द पानी की आपूर्ति बहाल करे और भविष्य में ऐसी लापरवाही न दोहराई जाए।