
Mahayuti Split: मीरा-भाईंदर महानगरपालिका चुनाव (सोर्सः सोशल मीडिया)
Mira Bhayandar Municipal Election: मीरा-भाईंदर महानगरपालिका चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं। एक ओर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच युति को लेकर असमंजस बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर महायुति को बड़ा झटका देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) ने चुनाव में अकेले उतरने का फैसला कर लिया है। नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक होने के बावजूद भाजपा-शिवसेना युति को लेकर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हो सकी है।
इसी राजनीतिक अनिश्चितता के बीच राकांपा (अजित) ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मीरा-भाईंदर महानगरपालिका चुनाव में 10 से 12 पैनलों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। राकांपा (अजित) के जिलाध्यक्ष प्रमोद कांबले ने बताया कि भाजपा की ओर से केवल आठ सीटों का प्रस्ताव दिया गया था, जबकि पार्टी ने 19 सीटों की मांग रखी थी। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रस्ताव पर कोई ठोस और सम्मानजनक जवाब नहीं मिला, इसलिए स्वाभिमान के साथ अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया।
महिला जिलाध्यक्ष ममता मोराइस ने भी कहा कि पिछले आठ वर्षों से पार्टी के कार्यकर्ता केवल अन्य दलों के उम्मीदवारों का प्रचार करते रहे हैं। अब समय आ गया है कि संगठन को मजबूत किया जाए और अपने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को चुनाव लड़ने का अवसर दिया जाए।
इसी बीच शिवसेना (उद्धव) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी में 18 वर्षों तक विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके कट्टर शिवसैनिक मोजेस चिनप्पा ने राकांपा (अजित) का दामन थाम लिया है। मोजेस चिनप्पा ने कहा कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के पदचिह्नों पर चलने वाले स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आत्मसात कर जनता की सेवा की है, लेकिन उनके प्रभाग में आज भी कई बुनियादी समस्याएं बनी हुई हैं।
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जनता चाहती है कि वे चुनाव लड़कर उनकी आवाज बनें। इसी उद्देश्य से उन्होंने अजित पवार के नेतृत्व में काम करने का निर्णय लिया है। जिलाध्यक्ष प्रमोद कांबले ने मोजेस चिनप्पा का पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें भविष्य में महत्वपूर्ण संगठनात्मक जिम्मेदारी सौंपने का आश्वासन दिया।






