
कैलाश शिंदे (सौ. सोशल मीडिया )
Kalyan Dombivli News In Hindi: मनपा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे विभिन्न राजनीतिक दलों में टिकट वितरण को लेकर असंतोष खुलकर सामने आने लगा है।
इसी कड़ी में कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के पूर्व सभागृह नेता और गटनेता कैलास शिंदे ने शिवसेना में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने खुद को पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग तक कर डाली है।
कैलास शिंदे ने अपने पत्र में पार्टी की मौजूदा कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि अब संगठन में निष्ठा, अनुभव और शिक्षा की जगह आर्थिक स्थिति को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने लिखा कि वर्तमान राजनीति में चुनाव लड़ने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होना ही सबसे बड़ा पैमाना बनता जा रहा है, जबकि लंबे समय से पार्टी के लिए काम करने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
पूर्व सभागृह नेता ने पत्र में यह भी कहा कि वे पिछले 20 वर्षों से शिवसेना के लिए पूरी निष्ठा के साथ समाजसेवा और संगठनात्मक कार्य करते आ रहे हैं। इसके बावजूद यदि पार्टी नेतृत्व उन्हें चुनाव लड़ने के लिए उपयुक्त नहीं मानता, तो इसका कारण केवल उनकी आर्थिक स्थिति बताई जा रही है। उन्होंने इस स्थिति पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
कैलास शिंदे के मुताबिक, अगर पार्टी यह मानती है कि आर्थिक रूप से सक्षम न होने के कारण वे अब संगठन के लिए उपयोगी नहीं हैं, तो उन्हें औपचारिक रूप से शिवसेना से निष्कासित कर दिया जाए। उनका कहना है कि उन्होंने हमेशा पार्टी की विचारधारा और नेतृत्व के प्रति ईमानदारी से काम किया है, लेकिन मौजूदा हालात में निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।
ये भी पढ़ें :- Year Ender: 2025 में IPO से बदली किस्मत, 5 स्टार्टअप फाउंडर बने अरबपति
इस पत्र के सामने आने के बाद कल्याण-डोंबिवली की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। स्थानीय स्तर पर इसे टिकट वितरण से उपजे असंतोष का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि जैसे-जैसे नामांकन की समयसीमा नजदीक आएगी, वैसे-वैसे अन्य दलों और नेताओं में भी इसी तरह की नाराजगी सामने आ सकती है। फिलहाल कैलास शिंदे के पत्र ने शिवसेना की आंतरिक राजनीति और टिकट चयन प्रक्रिया पर नई बहस छेड़ दी है।






