वन मंत्री नाईक (pic credit; social media)
Navi Mumbai News: कल्याण तालुका के 14 गांवों को नवी मुंबई मनपा में शामिल किए जाने का विरोध वन मंत्री गणेश नाईक ने फिर से जोरदार तरीके से किया। उन्होंने कहा कि जब तक मैं मंत्री हूं, इन गांवों का बोझ जनता पर नहीं पड़ेगा और चुनाव के 6 महीने बाद ये गांव नवी मुंबई मनपा से बाहर कर दिए जाएंगे। नाईक यह बातें नवी मुंबई में 100 धर्मार्थ कार्यों के स्वर्णिम गौरव महोत्सव के मंच से कही।
लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य सरकार ने कल्याण तालुका के दहिसर, नवली, निगु मोकाशी पाहा, भद्वारली, पिंपरी गाद, धोटेघर, बम्बली उत्तरशिव, नागांव, नारिवली, वकालन, बाले और दहिसर मोरी गांवों को नवी मुंबई मनपा में शामिल करने का फैसला किया था। भौगोलिक दृष्टि से ये गांव मनपा की सीमा से सटे हुए हैं, लेकिन इनके बीच एक पहाड़ है।
मंत्री नाईक ने कहा कि इन गांवों को मनपा में शामिल करने की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि संपत्ति कर में वृद्धि और स्वार्थी लोगों के दबाव में ये कदम उठाया गया। नाईक ने बताया कि उन्होंने खुद प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। सुरंग और सड़क निर्माण जैसी योजनाओं के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जबकि इन गांवों को मनपा से बाहर करना ही सही है।
नाईक ने चेतावनी दी कि वे अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे और इस फैसले को लागू कराएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा नहीं होगी, लेकिन जनता की भावनाओं और अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। उन्होंने नवी मुंबई के लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी।
वन मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले पांच वर्षों में मनपा के फंड का दुरुपयोग हुआ। जहां 50 लाख रुपये की जरूरत थी, वहां 5 करोड़ रुपये खर्च किए गए, और कुछ सड़क निर्माण कार्य मनमर्जी से किए गए। उन्होंने कहा कि वे जनता की सेवा और गरिमा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।
इस प्रस्तावित बदलाव से ग्रामीण और नागरिकों के अधिकारों पर असर पड़ेगा। नाईक का कहना है कि यह कदम केवल स्वार्थी अधिकारियों और राजनीतिक दबाव को चुनौती देने के लिए है।