शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय लाखे पाटिल (सोर्स: सोशल मीडिया)
जालना: संसद से हाल ही पास वक्फ संशोधन विधेयक 2025 अब कानून का रूप ले चुका है। लेकिन विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही है और इसे चुनौती देने वाली कुछ याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। सुप्रीम कोर्ट इन याचिकाओं पर सुनाई कर रहा है। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि विवादास्पद वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 संविधान के ‘मूल ढांचे’ के सिद्धांत पर उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का उल्लंघन करता है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के संगठन के सचिव संजय लाखे पाटिल ने भारतीय जनता पार्टी पर समुदायों के बीच विभाजन पैदा करके जानबूझकर सांप्रदायिक सद्भाव की ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ की भावना को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
शिवसेना (यूबीटी) के पदाधिकारी ने गुरुवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की जालना इकाई द्वारा आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने दावा किया कि पिछले महीने संसद द्वारा पारित वक्फ अधिनियम में नया संशोधन सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए ऐतिहासिक केशवानंद भारती फैसले का उल्लंघन करता है, जिसमें संविधान के ‘मूल ढांचे’ के सिद्धांत को निर्धारित किया गया था।
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने संसद में वक्फ अधिनियम का समर्थन करने के बदले में अपने एनडीए सहयोगियों यानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को बड़े पैकेज की पेशकश की।
बता दें कि मूल ढांचे के सिद्धांत पर 1973 के केशवानंद भारती फैसले ने संविधान में संशोधन करने की संसद की व्यापक शक्ति को सीमित कर दिया था और साथ ही न्यायपालिका को किसी भी संशोधन की समीक्षा करने का अधिकार दिया था। इस फैसले में कहा गया था कि संसद के पास अनुच्छेद 368 के तहत संविधान में संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन उसके पास इसकी मूल विशेषताओं को निष्प्रभावी करने की शक्ति नहीं है।
उद्धव गुट के नेता पाटिल ने कहा कि “मामला वर्तमान में शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिए है, जहां प्रधान न्यायाधीश ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से गंभीर सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की न्यायपालिका और भारत के सीजेआई न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को निशाना बनाने वाली हालिया टिप्पणियां निंदनीय हैं।
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शिवसेना यूबीटी नेता मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया कि वक्फ अधिनियम के खिलाफ उनके आंदोलन में उनकी पार्टी का पूरा समर्थन है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने संसद में विधेयक के खिलाफ मतदान किया। हम आपके और आपके विरोध के साथ खड़े हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)