शिवसेना चुनाव चिन्ह विवाद (pic credit; social media)
मुंबई: शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह मामले में तारीख पर तारीख का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। इस मामले में उद्धव की पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) की ओर से मांग की गई है कि अदालत का फैसला आने तक शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह जब्त किया जाए ताकि मुंबई महानगर पालिका सहित अन्य स्थानीय निकाय के चुनावों में उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी को भी पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ व चुनाव चिन्ह धनुष बाण के इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिल सके।
मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत और जयमाल्या बागची की अदालत में सुनवाई के दौरान ज्यादा कुछ नहीं हुआ। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए राहत की बात ये रही कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जल्द खत्म करने के संकेत दिए हैं। और इस पर अगस्त महीने से सुनवाई करनी की तैयारी दर्शाई है।
शिवसेना में हुई थी ऐतिहासिक बगावत
जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में ऐतिहासिक बगावत हुई थी। उसके बाद पहले चुनाव आयोग एवं बाद में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने पार्टी का नाम एवं चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे को दे दिया था। यूबीटी ने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। लगभग दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
यूबीटी आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले यह चुनाव चिन्ह हासिल करने की कोशिश कर रहा है। इसलिए, यूबीटी के वकीलों ने लंबित याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। उद्धव ठाकरे ने याचिका के माध्यम से शिवसेना नाम, चुनाव चिन्ह धनुष-बाण और बाघ वाले भगवा झंडे के इस्तेमाल की अनुमति मांगी है। कोर्ट ने एनसीपी मामले में अजीत पवार गुट को सशर्त इस चिन्ह के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। हमने भी मांग की है कि हमें भी ऐसी अनुमति दी जाए।
शिंदे की शिवसेना ने किया विरोध
सोमवार को कुछ मिनट हुई सुनवाई के दौरान शिंदे की शिवसेना के वकीलों ने यूबीटी की मांग का विरोध करते हुए कहा कि बीते दो वर्षों में यूबीटी की ओर से कोई गतिविधि नहीं की गई थी और अब अचानक ये मांग की जा रही है। इस पर कोर्ट ने कहा कि लगभग दो वर्षों यह मामला विचाराधीन है, लेकिन अब इस पर निर्णय लिया जाना चाहिए।
वरिष्ठ वकील एडवोकेट सिद्धार्थ शिंदे ने कहा कि चुनाव चिन्ह संबंधी याचिका पर सुनवाई जल्द ही पूरी हो जाएगी और परिणाम सितंबर-अक्टूबर तक आ जाएंगे। राज्य में अक्टूबर के आसपास स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। परिणाम उससे पहले आने की संभावना है। इस सुनवाई के दौरान यूबीटी की ओर से रोहित शर्मा व कपिल सिब्बल ने बहस की तो वहीं शिंदे गुट की ओर से मुकुल रोहतगी और नीरज किशन कौल ने बहस की।न्या. सूर्यकांत ने यूबीटी के वकील से कहा कि अब हमें मामला खत्म करना है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने स्पष्ट किया कि वह अपना कार्यक्रम देखकर सुनवाई की अगली तारीख की घोषणा करेंगे।
चुनाव आयोग को अधिकार नहीं
उद्धव ठाकरे ने कहा कि यदि वे अगस्त में फैसला सुनाने वाले हैं, तो यह निश्चित रूप से एक संतोषजनक बात होगी। इस चोरी के मामले में न्याय होगा। सुप्रीम कोर्ट हमारी आखिरी उम्मीद है। हमारा चुनाव चिन्ह चोरी हो गया है। चुनाव आयोग को चुनाव चिन्ह देने का अधिकार हो सकता है। लेकिन, उन्हें पार्टी का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। यह चुनाव आयोग का अधिकार नहीं है। हम कभी स्वीकार नहीं कर सकते कि वे एक का नाम छीनकर दूसरे को दे दें।