उद्धव ठाकरे राज ठाकरे (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में होने वाले मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है। इसी बीच शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हास्के ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि अगर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच गठबंधन होता भी है, तो इसका असर महायुति की जीत पर नहीं पड़ेगा।
शनिवार रात पत्रकारों से बातचीत में नरेश म्हास्के ने कहा कि महायुति पूरी तरह चुनावी मुकाबले के लिए तैयार है। उन्होंने तंज कसते हुए याद दिलाया कि पहले शिवसेना (यूबीटी) कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी – शरदचंद्र पवार गुट) के साथ गठबंधन में थी, लेकिन इसके बावजूद पिछले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महायुति विजयी रही। लिहाज़ा, उद्धव-राज गठबंधन से इस बार भी कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा।
पिछले कई वर्षों से राजनीतिक रूप से अलग राह पर चल रहे उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे हाल ही में मराठी भाषा के मुद्दे पर एक मंच पर दिखे थे। इसी के बाद से दोनों भाइयों के संभावित गठबंधन की चर्चा तेज़ हो गई। हालांकि अभी तक शिवसेना (यूबीटी) और मनसे की तरफ से कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। माना जा रहा है कि अंतिम निर्णय Maharashtra Politics,चुनाव नज़दीक आने पर लिया जाएगा।
उद्धव ठाकरे इस मुद्दे पर पहले ही खुलकर बोल चुके हैं और उन्होंने संकेत दिए हैं कि मनसे के साथ हाथ मिलाने की संभावना मज़बूत है। दूसरी ओर, राज ठाकरे इस पर अब तक चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में और अटकलें लग रही हैं।
नरेश म्हास्के ने कहा कि महायुति का गठबंधन मज़बूत है और उसका जनाधार पहले से अधिक बढ़ा है। उनका मानना है कि उद्धव-राज ठाकरे की नज़दीकियां केवल चुनाव से पहले का राजनीतिक शोर है, लेकिन जमीन पर इसका कोई बड़ा असर नहीं होगा।
बीएमसी चुनाव को महाराष्ट्र की राजनीति में बेहद अहम माना जाता है, क्योंकि मुंबई नगर निगम एशिया की सबसे अमीर स्थानीय निकाय है। ऐसे में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन ने विपक्ष को उत्साहित किया है, जबकि सत्ता पक्ष आत्मविश्वास से भरा हुआ है।
अब देखना होगा कि क्या ठाकरे भाइयों का यह समीकरण वास्तव में साकार होता है या फिर यह महज चुनावी अफवाह बनकर रह जाता है।