संघ के समक्ष बीजेपी का सरेंडर
मुंबई: लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बीजेपी को अपेक्षित समर्थन नहीं दिया था। इसका असर महाराष्ट्र में दिखाई दिया था। इसके वजह से ही बीजेपी की लोकसभा इलेक्शन में सीटों की संख्या 23 से घटकर 9 पर आ गई। जिससे भाजपा को बड़ा झटका लगा है। कहा जा रहा है कि लोकसभा में मिली हार से सीख लेते हुए भाजपा ने आरआरएस के पदाधिकारियों को शामिल करने का फैसला किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए आरआरएस के कार्यकर्ता सक्रिय हो गए है। आरआरएस मुंबई के 36 सीटों पर बीजेपी पर नजर रखेगा। पार्टी से जुड़े सुत्र बता रहे कि बीजेपी मुंबई में आरएसएस के एजेंड़े पर ही काम करेगी। भाजपा के बूथवार बैठक में आरआरएस का एक प्रतिनीधि शामिल होगा। इस लिए कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रचार रणनीति तय करने में संघ की भूमिका अहम होगी।
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संघ के लोकसभा में बीजेपी को समर्थन नहीं करने के कारण महाराष्ट्र में पार्टी को कम ही सीटें मिली। हालांकि, अब विधानसभा में चुनाव जीतने के लिए आरएसएस बीजे पी के साथ चुनावी मैदान में उतरेगा।
जानकारी के लिए बता दें कि मुंबई नगर निगम चुनाव में संघ ने साल 2017 के चुनाव में मदद की थी। इस चुनाव में बीजेपी के पार्षदों की संख्या 31 से बढ़कर 82 हो गई थी। संघ की मदद से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 3 और महायुति ने 6 सीटें जीती थी। विधानसभा चुनाव में भी संघ की वजह से भाजपा ने 16 सीटों पर कब्जा जमाया था।
हालांकि इस बार के लोकसभा चुनाव में मुंबई की 3 में से दो सीटें गवाने के बाद बीजेपी ने संघ के सामने सरेंडर कर दिया है। संघ ने इस बार के चुनाव में बीजेपी को पूरा समर्थन देने की बात कही है और हर स्तर पर हस्तक्षेप करने की बात कही है।
सुत्रों ने बताया कि प्रत्याशियों के चयन के मामले में संघ ने कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। हालांकि, सुत्रों का कहना है कि संघ ने बीजेपी को यह भी बताया कि एजेंडा लागू करने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।