जाति जनगणना
नई दिल्ली: देश में लगातार विपक्षी पार्टियों द्वारा जाति जनगणना की मांग की जा रही है। इसी बीच RSS के एक सदस्य ने भी इस मांग पर हामी भर दी। जिसके बाद ये बवाल और भी ज्यादा बढ़ गया। संघ की ओर से अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने केरल के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जातीगत जनगणना होनी चाहिए लेकिन यह केवल राजनीतिक फायदे तक सीमित नहीं रहना चाहिए।
संघ द्वारा ऐसा कहे जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। पार्टी की ओर से कहा गया कि अब तो संघ ने भी इजाजत दे दी है तो क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर कांग्रेस की गारंटी को हाईजैक करने वाले हैं।
कांग्रस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिय पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने बीजेपी से पांच सवाल किया है। उन्होंने पूछा कि “क्या RSS के पास जाति जनगणना पर निषेधाधिकार है?” वहीं उन्होंने RSS के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा,”जाति जनगणना के लिए इजाज़त देने वाला RSS कौन है?”
जयराम ने संघ के बयान पर सवाल उठाते हुए पूछा, “RSS का क्या मतलब है जब वह कहता है कि चुनाव प्रचार के लिए जाति जनगणना का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए? क्या यह जज या अंपायर बनना है?”
जनगणना के साथ एक बार फिर आरक्षण के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा, “RSS ने दलितों, आदिवासियों और OBC के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा को हटाने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता पर रहस्यमई चुप्पी क्यों साध रखी है?”
उन्होंने अपने आखिरी सवाल में पूछा कि अब जब RSS ने हरी झंडी दिखा दी है तब क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कांग्रेस की एक और गारंटी को हाईजैक करेंगे और जाति जनगणना कराएंगे?
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जाती जनगणना मुद्दे पर बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी RSS पर हमला बोला है। उन्होंने सोमवार को कहा कि संघ को स्पष्ट तरीके से बताना चाहिए की वह जाति जनगणना के साथ है या खिलाफ है। उन्होंने कहा कि RSS देश को साफ बताए कि क्या वो दलित और पिछड़ों की भागीदारी का चिंता है या नहीं है।