मनसे प्रमुख राज ठाकरे (pic credit; social media)
Raj Thackeray News: महेश मांजरेकर के यू ट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में महाराष्ट्र और मराठी के लिए उद्धव के साथ अपने निजी विवादों और मतभेदों को भुलाने की तैयारी दर्शाने वाले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अब शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की युति को लेकर भ्रम फैलाने का ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया है।
सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर साझा पोस्ट में राज ने नाराजगी भरे लहजे में मीडिया पर अनकहे शब्द मुंह में घुसाने के आरोप लगाए हैं। उनकी एक्स पोस्ट के बाद दोनों भाइयों के साथ आने की अटकलों पर सस्पेंस बढ़ गया है। मराठी अस्मिता के मुद्दे पर राज और उद्धव लगभग 19 वर्षों के बाद एक साथ एक सियासी मंच पर नजर आए थे।
इस मंच पर उद्धव ने तो कह दिया था कि हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं। लेकिन राज ने कहा था कि वर्ली की सभा सिर्फ मराठी के मुद्दे तक के लिए ही सीमित थी। उसका मुंबई मनपा चुनाव और सियासत से कोई संबंध नहीं था। इसके बाद इगतपुरी में मनसे पदाधिकारियों के शिविर में राज ठाकरे ने मंगलवार को यूबीटी-मनसे गठबंधन को लेकर एक बार फिर असमंजस बढ़ाने वाला बान दिया था।
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राज ठाकरे ने कहा कि 5 जुलाई की विजयी सभा राजनीतिक नहीं थी, बल्कि मराठी लोगों की विजय सभा थी। इसी के साथ अपने कार्यकर्ताओं को आदेश देते हुए कहा था कि कार्रवाइयों में जुट जाओ, युति का निर्णय समय आने पर लेंगे।
बुधवार की ‘एक्स’ पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि मंगलवार को दिए गए मेरे बयान को मीडिया ने तोड़ मरोड कर प्रकाशित किया है। उन्होंने लिखा है कि कुछ अंग्रेजी व मराठी अखबारों के साथ-साथ कुछ मीडिया संस्थानों ने वो बातें मेरे मुंह में ठूंस दी, जो मैंने कही ही नहीं हैं। उन्होंने प्रकाशित किया है कि गठबंधन पर फैसला मैं मनपा चुनाव से पहले स्थिति देखकर लूंगा। ये कौन सी नई पत्रकारिता पैदा हो गई है?
अनौपचारिक बातचीत अनौपचारिक ही रहती है, और अगर कुछ छापी भी जाती है तो जो नहीं कहा गया वो सामने वाले के मुंह में नहीं डालना चाहिए। क्या पत्रकारों में यह समझ भी खत्म हो गई है? ऐसा सवाल करते हुए राज ने चेतावनी भरे लहजे में लिखा है कि आप यह मत सोचिए कि हम ये नहीं जानते हैं कि कुछ पत्रकार किसी के कहने पर या प्रायोजित होकर एक नई परंपरा चला रहे हैं।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राज ठाकरे-उद्धव ठाकरे के बारे में लगातार सवाल पूछने के बजाय, आप देखेंगे कि मनपा चुनावों के बाद क्या होता है? मैंने राज ठाकरे की एक पोस्ट पढ़ी। इसे पढ़ने के बाद, आपको इसका अर्थ और संदर्भ समझना चाहिए।