उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे ब्रदर्स साथ तोआए लेकिन अभी मन नहीं मिला है। उद्धव के साथ जाना है या नहीं, राज ठाकरे ने अब तक इस पर फैसला नहीं किया है। मनसे और उद्धव गुट वाली शिवसेना को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। राज ठाकरे ने अब तक गठबंधन को लेकर मन नहीं बनाया है। इससे ऐसा लगता है कि विजय रैली सिर्फ फोटो सेशन था। अभी गठबंधन दूर की बात है। अब सवाल उठता है कि क्या राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को धोखा दे दिया है?
ऐसा सवाल इसलिए ठ रहा है क्योंकि उद्धव ठाकरे अभी महाराष्ट्र की सियासत में अलग-थलग पड़े हुए हैं। वैसे भी राज ठाकरे के पास तो खोने को कुछ है ही नहीं। उद्धव ठाकरे को इस बात की आस है कि राज ठाकरे का साथ पाकर वो महाराष्ट्र की राजनीति में में फिर से खड़े हो सकते हैं। लेकिन राज ठाकरे अभी उद्धव के साथ आने को तैयार नहीं हैं। राज ठाकरे गठबंधन को लेकर किसी भी फैसले से पहले जोड़-घटाव कर रहे हैं कि उद्धव के साथ जाने से मनसे को फायदा होगा या नहीं।
उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे (Image- Social Media)
राज ठाकरे की मनसे और उद्धव गुट वाली शिवसेना के गठबंधन को लेकर लागातार सस्पेंस बना हुआ है। अभी तक राज ठाकरे ने शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर फैसला नहीं लिया है।एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि MNS चीफ राज ठाकरे ने अब तक यह तह नहीं किया है कि उद्धव गुट के साथ हाथ मिलाना हैं या फिर नहीं। राज ठाकरे ने साफ कहा है कि वो केवल मराठी मुद्दे पर उद्धव ठाकरे के साथ विजय रैली में शामिल हुए थे।
MNS चीफ राज ठाकरे (Image- Social Media)
महाराष्ट्र के टइगतपुरी में चल रहे तीन दिन के कार्यक्रम में मनसे चीफ राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से सेपष्ट कहा है कि मराठी मुद्दे पर वह उद्धव ठाकरे के साथ विजय रैली में शामिल हुए थे। चुनाव में साथ आना है या नहीं फिलहाल ये तय नहीं है। राज ठाकरे ने साथ ही यह भी कहा है कि बीएमसी चुनाव तथा म्युनिसिपल चुनाव के समय यह फैसला लिया जाएगा।
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बता दें कि नवंबर और दिसंबर में राज ठाकरे यह फैसला करेंगे कि उद्धव ठाकरे के साथ जाना है या नहीं। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या राज ठाकरे ने सच में उद्धव को धोखा दे दिया है?