पुणे-मुंबई समेत मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के लिए येलो अलर्ट (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Weather Update: राज्य में मानसून के प्रवेश के बाद मई में जमकर बारिश हुई थी। उसके बाद बारिश ने विराम ले लिया है। इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में एक बार फिर बारिश दिखाई दी है। अगले 4 दिनों में पुणे, सतारा, सांगली, सोलापुर, मराठवाड़ा और विदर्भ में बारिश की संभावना है। शनिवार को मध्य महाराष्ट्र में गरज के साथ बारिश होने का अनुमान है। मुंबई और पुणे के कई इलाकों में सुबह से ही बारिश हो रही है। पुणे शहर के कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई।
अगले 24 घंटों में मुंबई, ठाणे और उसके उपनगरों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। मराठवाड़ा और विदर्भ में भी बादल छाए रहेंगे और कुछ जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है। इस साल मानसून भले ही समय से पहले आ गया, लेकिन एक सप्ताह बाद ही इसकी गति धीमी हो गई। अब मानसून उत्तर की ओर बढ़ रहा है। उत्तर महाराष्ट्र के जिलों में बारिश बढ़ने की संभावना है। शुक्रवार को कोंकण, मुंबई और मध्य महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई।
राज्य के पालघर, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी, पुणे, नासिक, जलगांव, बुलढाणा, अमरावती, वाशिम, अकोला, यवतमाल, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, बीड, छत्रपति संभाजीनगर, हिंगोली, परभणी, नांदेड़, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, अहमदनगर, धुले, जालना जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस बीच 13 से 18 जून तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।
Watch: Several parts of Mumbai experience heavy rainfall
(Visuals from Marine Drive) pic.twitter.com/CQhUIpkplM
— IANS (@ians_india) June 7, 2025
26 मई को मुंबई में बारिश ने दस्तक दी। सालाबाद की तरह मुंबई में भी पानी जमा हो गया। लेकिन खास बात यह है कि बारिश ने अंडरग्राउंड मेट्रो को भी प्रभावित किया। मेट्रो लाइन 3 एक्वा मार्ग का हाल ही में उद्घाटन हुआ। यह प्रोजेक्ट 22,000 करोड़ रुपये का था। आचार्य अत्रे चौक पर मेट्रो स्टेशन की बाहरी दीवार ढह गई और बारिश का पानी अंदर घुस गया। मेट्रो स्टेशन और ट्रैक पर पानी भर गया।
मेट्रो सेवाएं बाधित हुईं। दूसरी ओर, मुंबई से लगभग 700 मील दक्षिण में केरल में भी कुछ ऐसा ही हुआ। केरल के मलप्पुरम जिले में 19 मई को निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा ढह गया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, बारिश के कारण इसका निर्माण प्रभावित होने के कारण यह दुर्घटना हुई, जिसमें कम से कम छह लोग घायल हो गए।
Pimpri-Chinchwad, Maharashtra: After heavy rainfall and strong winds, waterlogging was seen in the Hinjawadi area pic.twitter.com/5lOv4YYc1V
— IANS (@ians_india) June 7, 2025
पूर्वोत्तर भारत में भी ऐसी ही घटना हुई। लगातार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और करीब डेढ़ लाख पर्यटक फंस गए। सिक्किम में संकलंग ब्रिज का निर्माण बारिश के कारण आंशिक रूप से बह गया। वहीं, फिदांग ब्रिज भी आंशिक रूप से ढह गया। पिछले साल दिल्ली एयरपोर्ट के पुनर्निर्मित टर्मिनल 1 की लोहे की छत बारिश के कारण ढह गई थी। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और आठ लोग घायल हो गए थे। कुछ समय के लिए विमान सेवाएं भी निलंबित कर दी गई थीं।
जलवायु में तेजी से हो रहे बदलावों ने भारत में अरबों रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की गुणवत्ता और स्थिरता की परीक्षा ली है। मोदी सरकार ने सड़क, राजमार्ग, पुल, हवाई अड्डे जैसी परियोजनाओं में भारी निवेश किया है। सरकार ने 2025-26 के लिए पूंजीगत व्यय में 11.2 ट्रिलियन रुपये या लगभग 131 बिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 24 मई को आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि मानसून शुरू हो गया है। यह तय समय से कम से कम आठ दिन पहले हुआ। इसलिए, इस साल औसत से अधिक बारिश होने की संभावना है।
केरल में हाईवे दुर्घटना के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने ठेकेदार के प्रोजेक्ट मैनेजर को निलंबित कर दिया है। साथ ही भविष्य में उसे टेंडर न मिलने की बात कही है। मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अश्विनी भिड़े ने 26 मई की घटना के बाद साफ कहा कि स्टेशन पूरी तरह सुरक्षित है और जलभराव की यह घटना दुर्लभ है। यानी सरकार ऐसी घटनाओं के बाद दीर्घकालिक उपाय करने के बजाय अस्थायी उपाय करने पर ध्यान केंद्रित करती दिख रही है।