पुणे न्यूज (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: गांव के नक्शों में ग्राम सड़क, खेत की सड़क (शिव रोड), गाडी मार्ग और पैदल मार्ग अभी भी मौजूद हैं, लेकिन कुछ सड़कों का रिकॉर्ड सरकारी दस्तावेजों में नहीं होने के कारण इनके उपयोग को लेकर स्थानीय स्तर पर शिकायतें आती हैं और कुछ जगहों पर अतिक्रमण भी हो गया है।
इसे देखते हुए भूमि अभिलेख विभाग ने सड़कों का वर्गीकरण कर उन्हें अधिकार अभिलेख में दर्ज करने का निर्णय लिया है। खास बात यह है कि इन रास्तों को उनके उपयोग के अनुसार जिला, तालुका और गांव का नंबर दिया जाएगा।
इससे सड़कों के रिकॉर्ड की कमी से होने वाले विवाद कम हो जाएंगे। राज्य में 1890 से 1930 के दौरान हुए मूल बंदोबस्त और सर्वेक्षण के समय तैयार किए गए नक्शों में, साथ ही एकीकरण योजना के समय तैयार किए गए गांवों के समूहों के नक्शों में भी मौजूद ग्राम रास्ते, खेत के रास्ते, गाड़ियों के रास्ते और पैदल रास्ते दिखाए गए हैं। लेकिन उसके बाद समय-समय पर बनी नई रास्तों का रिकॉर्ड गांव के दस्तावेजों में नहीं है। इसे दर्ज करने के लिए अब ग्राम सेवक, राजस्व सेवक (कोतवाल) और पुलिस पाटिल की मदद से सड़कों की सूची तैयार करेंगे।
पुणे जमाबंदी आयुक्त डॉ सुहास दिवसे 66 इन रास्तों की गुणवत्ता में सुधार, अतिक्रमण मुक्त रास्तों और साल भर उपयोग में आने वाले रास्तों के निर्माण पर क्या उपाय किए जा सकते हैं, इस पर जोर दिया जाएगा। ये रास्ते ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मूल सर्वेक्षण के समय मापे गए और जिनकी लंबाई-चौड़ाई का रिकॉर्ड उपलब्ध है, ऐसी सड़कों का रिकॉर्ड तलाठी ने गांव के दस्तावेजों में नहीं लिया है। कुछ गांवों में निस्तार पत्रक (उपयोग अधिकार दस्तावेज) में ऐसे रास्तों को दर्ज किया गया है। ऐसी सड़कों का रिकॉर्ड केवल संबंधित गांव के आकारबंद (क्षेत्रफल रिकॉर्ड) में ‘रास्तों का क्षेत्र’ शीर्षक के तहत गांव के सभी रास्तों के कुल क्षेत्रफल के रूप में दर्ज है, लेकिन इसका विस्तृत विवरण उपलब्ध नहीं है। इसलिए, इन रिकॉडों को रास्तों के बगल के सातबारा रिकॉर्ड में ‘अन्य अधिकार’ के रूप में दर्ज किया जाएगा, साथ ही इसका सारांश विवरण और रिकॉर्ड गांव के दस्तावेजों में रखा और अद्यतन किया जाएगा।
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अतिक्रमण किए गए सभी रास्तों को इसमें दर्ज किया जाएगा। जो सड़के उपयोग में हैं, लेकिन गांव के नक्शे पर नहीं हैं, उनका भी विवरण लिया जाएगा। अतिक्रमण किए गए सड़कों के संबंध में मंडल अधिकारी और ग्राम राजस्व अधिकारी रास्ता-वार प्रस्ताव तैयार करेंगे। इसमें सड़कों के बगल के किसानों का नाम, सातबारा उतारा और फेरफार रिकॉर्ड का विवरण शामिल होगा। गांव-वार तैयार की गई सड़कों की प्राथमिक सूची ग्राम सभा की मंजूरी के बाद तहसीलदार को सौंपी जाएगी।