सांकेतिक तस्वीर
Nasik News: ‘शिवपाणद रस्ते आंदोलन’ के तहत ग्रामीण इलाकों और खेतों से गुजरने वाले रास्तों से अतिक्रमण हटाते हुए अब इन सड़कों को एक विशिष्ट नंबर दिया जाएगा। सरकार ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं जिससे गांव स्तर पर होने वाले वर्षों पुराने विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों, खेतों के मेड़ और गाड़ी मार्गों को लेकर पीढ़ियों से विवाद चले आ रहे हैं। इनमें से कई मामले अदालतों तक पहुंचते हैं जिससे दोनों पक्षों को न्याय के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ता है। सरकार ने अब इस समस्या का समाधान ढूंढ लिया है।
‘शिवपाणद रास्ते आंदोलन’ के अंतर्गत इन सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करते समय उन्हें एक विशेष सांकेतिक नंबर देने का निर्णय लिया गया है। इसमें ग्रामीण सड़कें (जो एक गांव से दूसरे गांव तक जाती हैं), सीमांत ग्रामीण सड़कें, ग्रामीण गाड़ी मार्ग (पोटखराबा), पैदल मार्ग और अन्य गाड़ी मार्गों को शामिल किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों से अतिक्रमण हटाने और उन्हें एक सांकेतिक नंबर देने के लिए सरकार ने समितियों का गठन किया है। जिला स्तर पर यह समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्य करेगी। समिति में मुख्य कार्यकारी अधिकारी सह-अध्यक्ष होंगे जबकि निवासी उप-जिलाधिकारी/उप-जिलाधिकारी (प्रशासन) सदस्य सचिव होंगे। जिला पुलिस अधीक्षक और जिला अधीक्षक भू-अभिलेख इसके सदस्य होंगे। तहसील स्तर पर यह समिति प्रांताधिकारी की अध्यक्षता में कार्य करेगी।
सरकार द्वारा तय की गई सभी सड़कों की गांव स्तर पर एक सूची तैयार की जाएगी। भू-अभिलेख विभाग इस सूची के अनुसार सड़कों का सीमांकन करेगा। उन सड़कों के लिए जो नक्शे पर नहीं हैं और जिन पर अतिक्रमण है, ग्राम सेवक से प्राप्त सूची के आधार पर तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करनी होगी।
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सभी सड़कों का एक साथ रिकॉर्ड रखते हुए प्रत्येक सड़क को एक विशिष्ट सांकेतिक नंबर दिया जाएगा जिससे भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संबंधी विवादों पर नियंत्रण किया जा सकेगा। इसके अलावा इन सड़कों के कारण किसानों के लिए अपनी उपज को सीधे बाजार तक पहुंचाना भी आसान होगा।