शरद पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pune News In Hindi: सिर्फ इसलिए कि सरकार आपके हाथ में है आप परियोजना पूरी कर लेंगे। लेकिन अगर किसान संतुष्ट नहीं हैं और उनकी बात सुने बिना उन पर जबरदस्ती करेंगे, धमकाएंगे और उन पर लाठियां चलाएंगे, तो हम आपको मनमाने ढंग से हवाई अड्डा परियोजना नहीं होने देंगे।
यह सख्त चेतावनी पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने पुरंदर एयरपोर्ट परियोजना को लेकर दिया है। वे पुरंदर में प्रोजेक्ट प्रभावित किसानों से चर्चा करने गए थे। उन्होंने कहा कि जब राज्य में लोकतांत्रिक गठबंधन की सरकार थी, तब पुरंदर हवाई अड्डा परियोजना की जगह रद्द कर दूसरी जगह पर परियोजना ले जाने की योजना बनाई गई थी।
उस दिशा में कार्यवाही भी शुरू थी। बाद में सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा की सरकार आ गई जिसने हमारे द्वारा सुझाई गई जगह को रद्द कर दिया और फिर से उसी पुरानी जगह पर परियोजना शुरू कर दी। अब कहा जा रहा है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि 66 हवाई अक्षा परियोजना के संबंध में सरकार को किसानी को विश्वास में लेना चाहिए। किसानों को न्याय मिलना चाहिए। इस भावना को ध्यान में रखते हुए सर्वदलीय समिति का गठन किया जाए। इसमे तालुका के सभी राजनीतिक दली के प्रतिनिधियों, मौजूदा और पूर्व विधायक आगे आएं और जिलाधिकारी से बर्चा करें। हम जानेंगे कि किसानों को क्या मुआवजा दिया जाएगा और किसानों को केंद्र बिंदु मानकर निर्णय लेंगे।
शरद पवार खानवडी स्थित महात्मा फुले स्मारक में पुरंदर हवाई अड्डा परियोजना से प्रभावित गांवों के किसानों के साथ संवाद करने आए थे। इस दौरान उन्होंने भरोसा दिया कि वह किसानों को उनके हाल पर नहीं छोड़ेंगे। इस मौके पर सांसद सुप्रिया सुले, राष्ट्रवादी के जिलाध्यक्ष विजय कोलते, सुदामराव इंगले, माणिकराव झेंडे, बबुसाहेब माहूरकर, दत्ता आवा चव्हाण, एयरपोर्ट विरोधी कृषि समिति के दत्ता झुरंगे, संतोष हगवणे, महादेव टिलेकर, जितेंद्र मेमाणे, सुनील धिवार सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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पवार ने सरकार की सलाह दी कि किसानों का संसार उजाड़कर विकास नहीं होता। इसके लिए सरकार को गांव आकर लोगी से चर्चा करनी चाहिए। दस लोगों की समिति बनाकर सभी को एक साथ बिठाकर फैसला लेना चाहिए और उसके बाद मुख्यमंत्री को इन लोगों के साथ बैठक करके अंतिम समाधान निकालना चाहिए, किसानों को स्पष्ट रूप से बताएं कि आपकी भूमिका क्या है। आपको राजनीति करनी है, चुनाव लड़ना है, वह करें, लेकिन किसानों के हित के संबंध में हम सभी एक है।