पुणेः पुणे के पोर्श कार दुर्घटना में कथित रुप से शामिल 17 वर्षीय लड़के और उसके माता-पिता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कोर्ट ने अग्रवाल दंपति और एक अन्य आरोपी की पुलिस हिरासत 14 जून तक बढ़ा दी है। इन पर सबुतों को नष्ट करने का आरोप है।
जानकारी के लिए बता दें कि रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और मां शिवानी अग्रवाल को नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल बदलने में उनकी संदिग्ध भूमिका के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनके अलावा अश्पक मकंदर नामक व्यक्ति की भी गिरफ्तारी हुई थी। बताया यह भी जा रहा है कि मकंदर ने आरोपी के माता-पिता और सरकारी ससून अस्पताल के डॉक्टरों के बीच कथित तौर पर बिचौलिए की भूमिका निभाई थी।
कल्याणी नगर में 19 मई को हुई दुर्घटना के समय किशोर कथित रूप से नशे में था। इस घटना में मोटरसाइकिल सवार दो आईटी पेशेवरों की जान चली गई थी। शिवानी अग्रवाल को एक जून को गिरफ्तार किया गया था, जब यह खुलासा हुआ कि लड़के के ब्लड सैंपल शिवानी के ब्लड सैंपल से बदले गए थे। विशाल अग्रवाल को सबूत नष्ट करने में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अग्रवाल दंपति के अलावा अश्पक मकंदर को भी सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। आपको यह भी पता हो कि ससून अस्पताल में ब्लड सैंपल जमा किए गए थे।
अभियोजन पक्ष ने तीनों की पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए तर्क दिया कि वे यह पता लगाना चाहते हैं कि किशोर के ब्लड सैंपल का निपटान कहां किया गया था। उन्होंने अदालत को बताया गया कि मकंदर को नाबालिग के पिता के चालक ने चार लाख रुपए दिए थे। इसमें से तीन लाख रुपए किशोर के ब्लड सैंपल बदलने के लिए (ससून के डॉक्टरों को) दिए गए थे। जांच अधिकारी ने कहा कि डॉ. श्रीहरि हल्नोर और ससून अस्पताल के कर्मचारी अतुल घाटकांबले से तीन लाख रुपये बरामद किए गए हैं और हमें शेष एक लाख रुपये की बरामदगी करनी है।