
अवैध हथियारों की फैक्ट्री (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे में गोलियों की आवाज, हत्याएं और खून-खराबा यहां तक कि नाबालिगों के हाथों में भी दिखने वाले पिस्तौल और मामूली विवाद या गैंगवार में पिस्तौल का लगातार हो रहे इस्तेमाल और इससे पुणे शहर और पुलिस की हो रही बदनामी का पुणे पुलिस ने आखिरकार मुंहतोड़ जवाब दिया है।
पुलिस ने बेहद सुनियोजित और साहसिक तरीके से पुणे से ही एक बड़ी टीम जुटाकर मध्य प्रदेश के उमरटी गांव में सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया और अवैध पिस्तौल बनाने वाली फैट्रयों को ध्वस्त कर दिया। साथ पुणे में हथियार सप्लाई के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
इस कार्रवाई में पुलिस को विरोध, अनजाने खतरे और तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। लेकिन योजना सटीक होने की वजह से पुलिस इस ऑपरेशन सौ फीसदी सफल रही है।
गौरतलब है कि देश में उमस्टी गांव पिस्तौल निर्माण के लिए कुख्यात है, लेकिन इस गांव में पुलिस को पकड़ने जाने पर भारी विरोध का सामना करना पड़ता है। नागरिक एकजुट होकर पुलिस का विरोध करते हैं और पहले भी पुलिस पर पथराव और मारपीट की घटनाएं हो चुकी है।
इसलिए पुणे पुलिस ने यह कार्रवाई पूरी तरह योजनाबद्ध तरीके से की, उमरटी गांव की जानकारी लेने के बाद पुणे पुलिस ने पहले जलगांव पुलिस से संपर्क किया, इसके बाद पुलिस की एक विशेष टीम को गांव की पूरी जानकारी लेने के लिए भेजा गया।
इस टीम ने गांव में घूमकर (जासूसी कर) गांव का एक नक्शा तैयार किया। इसमें सड़कें, गलिया, कारखाने, लोगों की संख्या, भागने के रास्ते, छिपने की जगह और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा की गई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की तैयारी शुरू की।
इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है गया है जबकि बाकी को नोटिस देकर छोड़ दिया गया। पुणे पुलिस की इस कार्रवाई में 50 से अधिक कारखाने नष्ट किए गए है। है और 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि बाकी को नोटिस देकर छोड़ दिया गया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बच्चन सिंह उर्फ सनीभाई दिवानसिंह चावला (37), जसबीर सिंह प्रकाश सिह बावला (22), परवीन सिह उत्तम सिह टकराना (29), राजपालसिंह प्रधानसिंह जुनेजा (36), आलोक सिंह जोहार सिंह बर्नाला (27), नानकसिंह अजीत सिंह बर्नाला (32) और गुरुवरण सिंह आवरिह बनौला (उम्र 23) के नाम शामिल है।
रात 11 बजे शुरू हुआ मिशन
जोन-4 के विभिन्न पुलिस स्टेशनों के कर्मचारी, बीडीडीएस टीमें और क्राइम ब्रांच के कर्मचारी सहित 105 लोगों को इकट्ठा किया गया। उन्हें भी इस कार्रवाई की सटीक जगह का अंदाजा नहीं था। 20 नवंबर की रात 11 बजे पुलिस के वाहन पुणे से उमरटी गांव के लिए रवाना हुए।
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पुलिस के वाहन नियमित जलगांव मार्ग के बजाय धुले मार्ग से मध्य प्रदेश में दाखिल हुए, पुलिस की टीम रात करीब चार बजे बुलेटप्रूफ जैकेट और बॉडी कैमरे लगाकर गांव में घुसी। गहरी नींद में सो रहे उमरटी के निवासी पुलिस की इस अचानक कार्रवाई से चौंक गए।






