
राज्य चुनाव आयोग (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: महाराष्ट्र निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही पुणे में राजनीतिक पारा गरमा गया है। कांग्रेस ने राज्य की सत्ताधारी ‘महायुति सरकार’ पर चुनाव आयोग को नियंत्रित करने और आचार संहिता लागू करने के समय में हेरफेर करने का गंभीर आरोप लगाया है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गोपाल तिवारी ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि महायुति सरकार ने चुनाव आयोग पर तब तक दबाव बनाए रखा, जब तक करोड़ों रुपये के विकास कार्यों की घोषणाएं और सरकारी खर्च पर उद्घाटन समारोह पूरे नहीं हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले, सुबह से शाम तक महानगर पालिका के खर्च पर आनन-फानन में कार्यक्रमों की झड़ी लगा दी गई।
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तिवारी के अनुसार, राज्य चुनाव आयोग की बस कॉन्फ्रेंस समाप्त होने के बाद आचार संहिता प्रभावी हो जाती है, लेकिन पुणे में इसे नजरअंदाज किया गया। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मनपा के कार्यक्रम और ‘पुणे पुस्तक महोत्सव में भागीदारी जारी रही, जो चुनावी नियमावली और नैतिक मूल्यों का खुला उल्लंघन है। कांग्रेस ने मांग की है कि आयोग को सत्ताधारियों के आगे झुकने के बजाय ‘आचार संहिता उल्लंघन’ का नोटिस जारी कर अपनी निष्पक्षता सिद्ध करनी चाहिए। विपक्ष का कहना है कि भाजपा, राकांपा (अजीत पवार) और शिवसेना (शिदे) गठबंधन सत्ता का दुरुपयोग कर प्रशासन पर हावी हो रहा है।






