
अजित पवार-शरद पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Local Body Elections: महायुति में रहते हुए भी डिप्टी सीएम अजित पवार के लिए बीजेपी ने मुश्किलें खड़ी कर दी है। एक ओर जहां मुंबई में बीजेपी ने पूर्व मंत्री नवाब मलिक का हवाला देकर अजित की राकां से किनारा कर लिया है। वहीं पुणे में भी बीजेपी ने फ्रेंडली फाइट की बात कह कर अजित की सिरदर्द को बढ़ा दिया है।
हालांकि सूत्रों से खबर मिली है कि ऐसे संकट में अजित के चाचा शरद पवार ने अपने भतीजे को अकेला न छोड़ने का मन बनाया है। शरद पवार अपने भतीजे के साथ मिल कर मुंबई और पुणे की महानगरपालिका में मिल कर चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। बड़े पवार का मानना है कि अगर वे भी अजित की पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो इसका परोक्ष रूप से बीजेपी को फायदा मिल सकता है।
ऐसे में जिस तरह मुंबई में उद्धव ठाकरे ने बीजेपी का मुकाबला करने के लिए अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है। उसी तर्ज पर अब पवार चाचा भतीजे भी गुपचुप तरीके से हाथ मिलाने की तैयारी कर रहे हैं। ताकि वे पुणे व पिंपरी चिंचवड में बीजेपी की घुसपैठ को रोक सके।
शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने कहा कि अब बीजेपी ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है। खुद मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि बीजेपी पुणे और पिपरी चिंचवड में अलायंस में चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह साफ दर्शाता है कि बीजेपी अपने मतलब के हिसाब से सहयोगी दलों का इस्तेमाल करती है।
इसी तरह का व्यवहार बीजेपी ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की पार्टी के साथ किया है। शरद पवार गुट के विधायक ने आगे कहा कि बीजेपी एक-एक करके अजित पवार के विधायक को तौड़ रही है। यह साफ दर्शाता है कि एक दिन बीजेपी अपनी सहयोगी दलों को निगल जाएगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को पुणे दौरे पर कहा कि बीजेपी व अजित पवार की राकां पुणे और पिंपरी चिंचवड़ में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगी। उनके मुताबिक यहां पॉलिटिक्स इतनी ज्यादा है कि अगर हम साथ लड़ेंगे तो अपोजिशन को फायदा होगा। इसलिए, दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगी और यह एक तरह से फ्रेंडली फाइट होगी। लेकिन अजित की राकां को यह प्लान रास नहीं आ रहा है।
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