पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) की उद्योगनगरी के लोगों की सेवा और मेहमाननवाजी का लुत्फ उठाकर जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज की पालकी (Sant Tukaram Palki) सोमवार सुबह पुणे (Pune) की तरफ बढ़ी। इस दौरान पालकी के दर्शन के लिए पुणे-मुंबई हाईवे (Pune-Mumbai Highway) के दोनों तरफ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही।
पालकी में शामिल वारकरियों की सेवा-सुविधा में कोई कमी न रह जाय इसके पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका प्रशासन और पालकी यात्रा निर्विघ्न संपन्न हो इसके लिए पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने चाकचौबंद प्रबन्ध कर रखे थे। जगह-जगह स्वागत के बाद पालकी यात्रा सुबह पुणे की ओर आगे बढ़ी।
संत तुकाराम महाराज की पालकी ने शनिवार को देहुगांव से प्रस्थान किया। यहां के इनामदार वाड़ा में पहले विश्राम के बाद रविवार की शाम निगड़ी में पिंपरी-चिंचवड़ की उद्योगनगरी में पालकी का आगमन हुआ। आकुर्डी के विठ्ठल रखुमाई मंदिर में पालकी का दूसरा विश्राम था। शाम साढ़े पांच बजे के करीब पालकी रथ निगड़ी के भक्ति शक्ति चौक में पहुंचा। विधायक महेश लांडगे और महानगरपालिका प्रशासक और कमिश्नर शेखर सिंह ने रथ का सारथ्य किया। महानगरपालिका की ओर से प्रथमोपचार कीट, देशी पेड़ों के बीज, श्रीफल, पुष्पहार से पालकी सम्मेलन में शामिल दिंडिंयों के वीणाधारी वारकरियों का स्वागत किया गया। शाम साढ़े सात बजे पालकी आकुर्डी के विठ्ठल मंदिर में पहुंचे।
आज पहाटे मा. आयुक्त तथा प्रशासक श्री. शेखर सिंह व त्यांच्या पत्नी यांनी जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज यांच्या पादुकांचे पूजन केले व पालखी पुढील प्रवासास मार्गस्त झाली.#Wari #greenwari #pliagram #palkhi #haritwari #initiative #pune #mazivasundhara @shekhardalal pic.twitter.com/vwCpPeqBq3
— PCMC Smart Sarathi (@PCMCSarathi) June 12, 2023
रातभर भजन कीर्तन, जागरण से पूरे शहर का माहौल भक्तिमय बन गया था। सोमवार के तड़के पांच बजे पालकी यात्रा आगे की यात्रा के लिए निकली। इससे पहले संत तुकाराम महाराज संस्थान के अध्यक्ष पुरुषोत्तम महाराज मोरे की उपस्थिति में मंदिर में महापूजा और काकड आरती हुई। यह पूजा पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के प्रशासक और कमिश्नर शेखर सिंह और उनकी पत्नी ईशा सिंह के हाथों की गई। आकुर्डी के विश्राम के बाद पालकी यात्रा पुणे की ओर मार्गस्थ हुआ। तड़के से ही पुणे-मुंबई हाईवे के दोनों तरफ पालकी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही।
#PCMC उद्यान विभागाच्या वतीने यंदा हरित वारीची संकल्पना राबविली जात आहे. यातंर्गत संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर पालखी सोहळ्याच्या निमित्ताने हरित वसुंधरा दिंडी काढण्यात आली. या दिंडीत मा.आयुक्त तथा प्रशासक श्री.शेखर सिंह तसेच विविध विभागांचे अधिकारी, वारकरी व नागरिकांनी सहभाग नोंदविला. pic.twitter.com/TUes8j9csE
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खंडोबा माल चौक से निकली पालकी सुबह साढ़े सात बजे के करीब पिंपरी खरालवाडी के विठ्ठल मंदिर में सुबह के विश्राम के लिए पहुंची। यहां चाय नाश्ता, भजन कीर्तन के बाद पालकी यात्रा पिंपरी से आगे बढ़ी। साढ़े 11 बजे दापोडी पहुंची। यहां दोपहर के विश्राम के बाद हैरिस ब्रिज से पुणे की सीमा बोपोडी में पालकी दाखिल हुई। इस दौरान जगह-जगह पालकी का स्वागत किया गया। दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही। पारंपरिक वेश में नागरिक और कॉलेज के युवा पालकी के पास सेल्फी और फोटो खिंचवाते नजर आए। जगह-जगह वारकरियों को स्थानीय नागरिकों द्वारा चाय नाश्ता वितरित किया गया। पिंपरी-चिंचवड़ के श्रद्धालुओं ने पालकी को भक्तिमय माहौल में विदा किया।
इस बीच, महानगरपालिका ने स्वास्थ्य, साफ-सफाई, जलापूर्ति और सुरक्षा के इंतजाम किए। पर्यावरण के अनुकूल, प्लास्टिक मुक्त, हरियाली के लिए योजना बनाई गई। महानगरपालिका स्कूलों और निजी स्थानों पर दिंडी का आयोजन किया गया। आवश्यक सेवा सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रत्येक स्थान पर अलग-अलग समन्वयक नियुक्त किए गए थे। पालकी यात्रा में पीने के पानी के टैंकर, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड और सैनिक शामिल होते हैं। पिंपरी-चिंचवड़ के साहित्यकारों ने देहुरोड कमान से आकुर्डी तक साहित्य दिंडी निकाली। उन्होंने संत तुकाराम महाराज, संत नामदेव महाराज, वासुदेव, संत जनाबाई का वेश धारण किया। हाथ में वीणा, ताली और सिर पर तुलसी लेकर, अभंग और भक्ति गीत गाते हुए मार्च किया। हाथों में भजनों की तख्तियां, पर्यावरण संरक्षण के नारे और भक्ति गीतों की पंक्तियां ‘ज्ञानोबा माउली तुकाराम’, ‘जय जय रामकृष्ण हरि’ के नारे लगा रहे थे।