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Pimpri News In Hindi: साइबर ठगी के मामलों में सबसे ज्यादा शिकार आईटी इंजीनियर बन रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करते हुए सब कुछ जानने के बावजूद सिर्फ पैसे के लालच में कई आईटी इंजीनियर ठगों के जाल में फंस रहे हैं।
वहीं, ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ जैसे फर्जी मामलों में वरिष्ठ नागरिक फंस रहे हैं। पुलिस आयुक्त विनयकुमार चौबे ने स्पष्ट किया कि ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ नाम की कोई कानूनी अवधारणा अस्तित्व में ही नहीं है। चौबे ने बताया कि साइबर अपराधी लोगों को लोभ और भय इन दो भावनाओं के जरिए अपने जाल में फंसाते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में सतर्क रहकर साइबर अपराधों से बचा जा सकता है।
पुलिस आयुक्त चौबे ने मंगलवार को नागरिकों से ऑनलाइन साइबर सुरक्षा विषय पर संवाद साधा, इस संवाद में स्कूल, कॉलेज, आईटी, उत्पादन कंपनियां, वरिष्ठ नागरिक और हाउसिंग सोसायटीज के 12 हजार प्रतिनिधि तया 33 हजार 844 नागरिक सहित कुल कुल 45 हजार से अधिक लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए।
नागरिकों द्वारा पूछे गए प्रत्येक सवाल का उत्तर आयुक्त चौबे ने ऑनलाइन दिया, उन्होंने बताया कि शहर में शैक्षणिक संस्थाओं की संख्या बढ़ रही है और यहां से बड़ी संख्या में विद्यार्थी बाहर निकल रहे हैं। इन्हीं छात्रों को निशाना बनाकर फर्जी नौकरी या इंटर्नशिप के नाम पर ठगी की जाती है।
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इस पर सूरज शर्मा ने प्रश्न पूछा जिस पर आयुक्त चौबे ने कहा कि नौकरी की जानकारी के लिए केवल कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट से ही जानकारी से, नौकरी की ऑफर देने वाले ईमेल का डोमेन नेम अवश्य जांच ले। कोई भी प्रतिष्ठित कपनी नौकरी या रजिस्ट्रेशन के लिए पैसे नहीं लेती है। कॉलेज के संबंधित विभाग से ईमेल की सत्यता की पुष्टि कर लेनी चाहिए और बिना पुष्टि के कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए।