अजित पवार ने दी शुभकामनाएं (सौजन्य-एक्स)
पुणे: देवशयनी आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने राज्य की जनता को आषाढ़ी एकादशी की शुभकामनाएं दी। अजित पवार ने रविवार को लोगों को ‘आषाढ़ी एकादशी’ की बधाई दी और मराठी भाषा एवं संस्कृति को दूर-दूर तक फैलाने का आह्वान किया।
अजित पवार ने कहा, “आषाढ़ी वारी पंढरपुर के पांडुरंग के प्रति भक्ति, वारकरी की शक्ति, अध्यात्म में अनुशासन और समता के विचारों में आस्था की एक गौरवशाली परंपरा है। यह महाराष्ट्र की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए एक सशक्त आंदोलन है। पिछले कई शताब्दियों से पंढरपुर की वारी करने वाले वारकरी समुदाय ने महाराष्ट्र के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन को दिशा देने और समृद्ध करने का काम किया है।”
पवार ने कहा, “आज भी लाखों वारकरी लोग ‘हरिनामा’ का जाप करते हुए पांडुरंग की दिशा में पंढरी की ओर चल रहे हैं और अपने कार्यों के माध्यम से एकता, समानता और भाईचारे का संदेश दे रहे हैं। यह महाराष्ट्र की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता की ताकत है। इसे बनाए रखना और बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है।”
वारकरी बांधवांना, राज्यातील शेतकरी, कष्टकरी बांधवांना आषाढी एकादशीच्या मनःपूर्वक शुभेच्छा! आषाढी वारी ही पंढरपूरच्या पांडुरंगाच्या भक्तीची, वारकऱ्यांच्या शक्तीची, आध्यात्मातील शिस्तीची, समतेच्या विचारांवरील श्रद्धेची गौरवशाली परंपरा आहे. महाराष्ट्राच्या आध्यात्मिक, सांस्कृतिक… pic.twitter.com/JNrhS5Or6o — Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) July 6, 2025
मराठी संस्कृति को जपने पर अजित पवार ने कहा, “आषाढ़ी वारी के रूप में महाराष्ट्र की आध्यात्मिक परंपरा और सांस्कृतिक आंदोलन को संरक्षित, संवर्धित और आगे बढ़ाते हुए हम मराठी भाषा और मराठी संस्कृति को बचाए रखें, मराठी की आवाज हमेशा आसमान में सुनाई दे और महाराष्ट्र की प्रगति का झंडा हमेशा लहराता रहे, इसके लिए हमें कड़ी मेहनत करने की शक्ति दें। इस साल भी राज्य में अच्छी बारिश हो। किसानों की फसलें भरपूर हों और घर धन-धान्य से भरे रहें। राज्य के हर घर में सुख, शांति, संतोष और समृद्धि बनी रहे, यही प्रार्थना हम पांडुरंग के चरणों में करते हैं।”
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आषाढ़ी एकादशी पर वारी की प्रशंसा करते हुए अजित पवार ने कहा, “वारी में अनुशासन, स्वच्छता, सेवा भावना, आपसी सहयोग और सामाजिक प्रतिबद्धता सभी चीजें प्रशंसा के योग्य हैं। वारी ने हमें सामाजिक एकता, समर्पण की भावना और मानवता का सही अर्थ सिखाया है। हम आज आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर राज्य के लोगों से अपील करते हैं कि हम इस ऊर्जा का उपयोग महाराष्ट्र के विकास के लिए करें।”