
तपोवन में पेड़ाें की कटाई के विरोध में प्रदर्शन करते अभिनेता सयाजी शिंदे व अन्य (सोर्स: सोशल मीडिया)
Tapovan Tree Cutting Bombay High Court Stay: नासिक में साल 2027 में होने वाले ‘सिंहस्थ कुंभ मेले’ की भव्य तैयारियों के बीच तपोवन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई का मुद्दा अब अदालती लड़ाई में तब्दील गया है। तपोवन में प्रस्तावित साधुग्राम के निर्माण के लिए 1800 पेड़ों को काटने के नासिक नगर निगम (NMC) के प्रस्ताव पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने मौखिक रूप से रोक लगा दी है।
अदालत ने राज्य सरकार और वृक्ष प्राधिकरण को नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि बिना पूर्व अनुमति के कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार इस बार के कुंभ को प्रयागराज की तर्ज पर ऐतिहासिक बनाने के लिए 25,055 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट खर्च कर रही है। हालांकि, तपोवन क्षेत्र में साधुग्राम के लिए पेड़ों की बलि देने के फैसले का पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय निवासियों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया है। तपोवन वही स्थान है जहां माना जाता है कि भगवान राम ने वनवास का समय बिताया था।
नासिक के तपोवन में पेड़ों की कटाई के विराेध में ‘चिपको आंदोलन’ की तर्ज पर अभिनेता सयाजी शिंदे, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र पेड़ों को गले लगाकर इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इधर विपक्ष की ओर से मनसे (MNS) सहित कई संगठनों ने इस मामले को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
इस मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता श्रीराम पिंगले ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) मे याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल ने 16 जनवरी 2026 तक पेड़ काटने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी सरकार को तगड़ा झटका देते हुए प्रक्रिया पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है। महाराष्ट्र के वृक्ष संरक्षण अधिनियम के तहत नदियों और जल निकायों के 30 मीटर के दायरे में पेड़ों की कटाई के लिए विशेष अनुमति अनिवार्य है, जिसका उल्लंघन होने का आरोप याचिकाकर्ताओं ने लगाया है।
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मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विरोध प्रदर्शनों को ‘राजनीति से प्रेरित’ करार दिया है। सरकार की ओर से तर्क दिए जा रहे है कि शाही स्नान कকা जुलूस इसी मार्ग से निकलता है, इसलिए जगह बदलना सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक हो सकता है। प्रशासन ने 1800 पेड़ों के बदले 15,000 नए पेड लगाने का वादा किया है। नगर निगम कमिश्नर मनीषा खत्री के अनुसार, केवल बाहरी झाड़ियों और विदेशी प्रजाति के पेड़ों को हटाया जाएगा, पुराने और बड़े देसी पेड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
तपोवन, रामकुंड से मात्र 3 किलोमीटर दूर है और कुंभ के दौरान देशभर से आने वाले लाख साधु-संतों के रुकने के लिए इस ‘साधुग्राम’ के रूप में आरक्षित रखा गया है, 10 साल पहले नगन निगम ने यहां कब्जे रोकने के लिए पौधारोपण किया था, जो अब घन् जंगल का रूप ले चुके हैं औ नासिक की ‘ऑक्सीजन हब माने जाते हैं।






