प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
नासिक: तेजी से विकसित हो रहे नासिक शहर में आंतरिक यातायात जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है। इस समस्या को हल करने और आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान यातायात के उचित प्रबंधन के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) ने 77.570 किलोमीटर लंबे नासिक परिक्रमा मार्ग (नासिक रिंग रोड) के निर्माण का निर्णय लिया है।
अब इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए MSRDC ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (EIA) अध्ययन की शर्तों के लिए दो दिन पहले केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया है।
MSRDC के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट केंद्र को सौंपी जाएगी। इसके बाद पर्यावरणीय मंजूरी लेकर परियोजना को वास्तविक रूप से शुरू करने की दिशा में आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
नासिक एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल और औद्योगिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। शहर में वाहनों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जिससे यातायात जाम की समस्या गंभीर हो गई है और आंतरिक सड़कें अपर्याप्त साबित हो रही हैं।
शहरी यातायात के दबाव के साथ-साथ, मुंबई और ठाणे से मालेगांव, मनमाड, चालीसगांव जाने वाले या चालीसगांव, मालेगांव, मनमाड से मुंबई, ठाणे आने वाले वाहन भी नासिक शहर से होकर गुजरते हैं, जिससे यातायात जाम और बढ़ जाता है।
इसके अलावा, नासिक में हर 12 साल में सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है, जिसमें देश भर से लाखों साधु और श्रद्धालु आते हैं। नासिक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्गों पर भारी भीड़ होती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, नासिक शहर में आंतरिक यातायात जाम को हल करने और सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान यातायात जाम की समस्या से बचने के लिए नासिक परिक्रमा मार्ग बनाने का निर्णय लिया गया है।
यह भी पढ़ें:- वो नेता जिसने इंदिरा के विरोध में छाेड़ा स्कूल, आज हैं सबसे अमीर सूबे के मुखिया