
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया)
Malegaon News In Hindi : नासिक जिले के मालेगांव शहर में लगातार हो रही दुष्कर्म की घटनाएं समाज को व्यथित करती हैं, और किसी घटना की एफआईआर तक 24 घंटे दर्ज न होना यह स्थिति और भी गंभीर बनाती है, ऐसा स्पष्ट मत वरिष्ठ पत्रकार भगवान बागुल ने व्यक्त किया। थिऑसोफिकल सोसायटी की कार्यकर्ता सभा एस.एम. जोशी वाचनालय परिसर में आयोजित की गई थी। ” दुष्कर्म और निद्रिस्त समाज” विषय पर बोलते हुए बागुल ने समाज के गिरते नैतिक मूल्यों पर तीखी टिप्पणी की। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य सुरेश गरुड ने की। बागुल ने कहा, “मालेगांव की मासूम बच्ची पर हुए दुष्कर्म के प्रकरण की पीड़ा अभी ताजा ही थी कि 14 वर्षीय दिव्यांग मासूम पर भी अत्याचार हुआ। और उस गंभीर घटना की रिपोर्ट तक 24 घंटे दर्ज नहीं की गई, यह व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है।”
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सामाजिक कार्यकर्ता मंजुषा कजवाडकर ने जब इस विषय को सोशल मीडिया पर उठाया, तब जाकर संबंधित विभाग ने एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की। नैतिक मूल्यों का क्षरणबागुल ने कहा कि मोबाइल फोन और तकनीक इन अपराधों को बढ़ावा देने वाले कारकों में से एक बन चुके हैं। “बच्चों से मोबाइल छीन लेना समाधान नहीं है, क्योंकि माता-पिता ही दिनभर मोबाइल में व्यस्त रहते हैं।” नैतिकता में कमी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब पिता बच्चे से चोरी न करने की शपथ दिलवाते हैं, लेकिन खुद वस्तुएं चोरी करके लाते हैं।
बागुल ने स्पष्ट कहा कि समाज में बढ़ती अव्यवस्था और मूल्यहास के समय विचारकों को तटस्थ रहकर केवल देखने की भूमिका से बाहर आना होगा। यदि विचारवंत आगे आएं और समाज का मार्गदर्शन करे, तो ऐसी घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। इस अवसर पर संजय पांडे ने भगवद्गीता का महत्व बताया। मूर्तिकार भैय्या जाधव ने विश्व ए* दिवस पर जानकारी दी। प्राचार्य पी. एम. माली, डी. आर. हिरे, श्री छापेकर, श्री कोली, वरिष्ठ पत्रलेखक प्रभाकर वारुळे, तथा समाजसेवी बंसीलाल कांकरिया सहित अनेक मान्यवरों ने चर्चासत्र में भाग लिया।






