
डोंगराले मामले का आरोपी
Malegaon News: डोंगराले मामले के मुख्य आरोपी की पुलिस हिरासत गुरुवार 27 नवंबर को समाप्त हो रही थी, जिसके कारण उसे न्यायालय में पेश किया जाना अपेक्षित था. किंतु मामले को लेकर जनता में बढ़ता आक्रोश, कानून‐व्यवस्था बिगड़ने की आशंका तथा न्यायालय परिसर में संभावित तनाव को देखते हुए आरोपी को अदालत में प्रत्यक्ष पेश न करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई सम्पन्न की गई. सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी की पुलिस हिरासत 1 दिसंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया. तपास एजेंसियों के अनुसार, अपराध में उपयोग किए गए हथियार का अब तक पता नहीं चल पाया है. वह हथियार क्या था, कहां छिपाया गया, और उसकी खरीद या उपलब्ध कराने में किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका थी या नहीं, यह सभी पहलू अभी स्पष्ट नहीं हुए हैं. हथियार बरामद न होना जांच के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. इन्हीं कारणों से पुलिस ने अतिरिक्त हिरासत की मांग की थी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने घटना से पहले और बाद में किन-किन लोगों से संपर्क किया, क्या घटना पूर्वनियोजित थी, तथा इस मामले में कितने और लोगों की सहभागिता हो सकती है, इन सभी बिंदुओं पर अब जांच का विशेष जोर रहेगा. सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपने बचाव के लिए वकील उपलब्ध कराने की मांग की थी. मालेगांव तहसील विधि सेवा समिति द्वारा सहायता से इनकार किए जाने के बाद जिला विधि सेवा प्राधिकरण ने आरोपी के लिए एक बचाव पक्ष का वकील नियुक्त किया. न्यायालय परिसर में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था रोकने हेतु कड़ा पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया था. प्रवेश द्वारों को नियंत्रित रखा गया, अनावश्यक भीड़ रोकी गई और परिसर में लगातार गश्त, वाहन जांच तथा सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया.
सरकारी वकील संजय सोनवणे ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आरोपी जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहा है. पूछताछ के दौरान वह जानबूझकर विसंगत, उलझी हुई और भटकाने वाली जानकारी दे रहा है. पुलिस को भ्रमित करने की कोशिशें लगातार जारी हैं. घटना स्थल से जुड़े तथ्य, अपराध का क्रम, और अन्य संभावित आरोपियों की भूमिका, इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी वह जानबूझकर छिपा रहा है. सोनवणे ने कहा कि जांच की गति प्रभावित न हो, इसलिए पुलिस ने अतिरिक्त हिरासत की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया.
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इस गंभीर घटना को लेकर डोंगराले क्षेत्र सहित पूरे तहसील में जनता में आक्रोश व्याप्त है. आरोपी को कड़ी सजा दी जाए तथा प्रकरण को फास्टट्रैक कोर्ट में चलाया जाए, ऐसी मांग विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार की जा रही है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ जांच आगे बढ़ा रहा है.






