
Gemini बना रहा Fake Pan and Aadhar। (सौ. X)
Google Gemini Nano Banana Make Fake Pan And Aadhar: बेंगलुरु के एक टेक एक्सपर्ट ने Google के Gemini Nano Banana AI टूल को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। X यूजर हरवीन सिंह चड्ढा ने दावा किया है कि यह टूल बेहद सटीकता के साथ नकली आधार और पैन कार्ड तैयार कर सकता है। उन्होंने अपने पोस्ट में एक काल्पनिक नाम ‘ट्विटरप्रीत सिंह’ के आधार और पैन कार्ड की तस्वीरें शेयर कर दिखाया कि AI द्वारा बनाए गए ये डॉक्यूमेंट असली से अलग करना लगभग नामुमकिन है।
हरवीन के अनुसार, Gemini Nano Banana Pro इतनी उन्नत तकनीक का उपयोग करता है कि इससे बना फेक डॉक्यूमेंट देखने में बिल्कुल असली लगता है। यही वजह है कि विशेषज्ञ अब इस टूल को लेकर चिंता जता रहे हैं। AI की यह क्षमता ठगों के लिए नकली ID बनाने का नया रास्ता खोल सकती है, जिससे बड़े पैमाने पर साइबर फ्रॉड होने का खतरा बढ़ जाता है।
हरवीन ने कहा कि नैनो बनाना का वेरिफिकेशन सिस्टम अक्सर असफल हो जाता है, और इसके जरिए किसी भी पहचान दस्तावेज़ की हूबहू कॉपी तैयार की जा सकती है। उन्होंने खुद नकली पैन और आधार कार्ड बनाकर इसकी पुष्टि की।
nanobanana is good but that is also a problem. it can create fake identity cards with extremely high precision the legacy image verification systems are doomed to fail sharing examples of pan and aadhar card of an imaginary person pic.twitter.com/Yx5vISfweK — Harveen Singh Chadha (@HarveenChadha) November 24, 2025
गूगल का दावा है कि जेमिनी से बनी सभी तस्वीरों पर एक वॉटरमार्क होता है, ताकि उनकी पहचान की जा सके। यह वॉटरमार्क दाईं ओर नीचे कोने में मौजूद रहता है। लेकिन समस्या यह है कि फोटोशॉप जैसे एडिटिंग टूल्स से इसे आसानी से हटाया जा सकता है, जिससे नकली तस्वीरें और भी खतरनाक हो जाती हैं।
Google AI कंटेंट की पहचान के लिए SynthID नामक अदृश्य वॉटरमार्क सिस्टम का उपयोग भी करता है। हालांकि, यह केवल जेमिनी द्वारा बनाई गई तस्वीरों को ही पहचान सकता है, ChatGPT जैसे अन्य टूल्स की इमेजेज़ को पहचानने में यह सक्षम नहीं है।
नकली डॉक्यूमेंट बनाने की क्षमता सिर्फ जेमिनी तक सीमित नहीं है। चैटजीपीटी भी पहले से ही प्रॉम्प्ट के जरिए वास्तविक जैसे दिखने वाले फेक इमेज तैयार कर चुका है। लेकिन अब नैनो बनाना और नैनो बनाना प्रो की एंट्री ने इस खतरे को कई गुना बढ़ा दिया है, क्योंकि ये टूल चैटजीपीटी की तुलना में ज्यादा वास्तविक दिखने वाली इमेज जनरेट करते हैं।
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हरवीन का कहना है कि उनका उद्देश्य लोगों में भय फैलाना नहीं, बल्कि जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा, “बहुत से लोग डर रहे हैं, लेकिन पोस्ट का मकसद डर पैदा करना नहीं, बल्कि जागरूकता फैलाना था। मैं दिखाना चाहता था कि आज के AI मॉडल कितने शक्तिशाली हो चुके हैं और किस तेजी से यह तकनीक आगे बढ़ रही है। इसी तरह हमारे वेरिफिकेशन सिस्टम को भी अपग्रेड करना जरूरी है।”






