महात्मा गांधी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur Latest News: महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रकाशित संदर्भ पुस्तक ‘मराठी विश्वकोश’ से अंततः ‘गांधी वध’ शब्द हटा दिया गया है। ‘गांधी वध’ की जगह ‘गांधीजींचा खून’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह भी उल्लेख किया गया है कि ‘नाथूराम गोडसे संघ का सदस्य था।’ 30 अक्टूबर 2020 को विधानसभा अध्यक्ष को एक याचिका भेजी गई थी जिसमें 4 मांगें की गईं थीं।
मराठी विश्वकोश खंड-14 से ‘गांधी वध’ शब्द हटाकर उसकी जगह ‘गांधीजींचा खून’ शब्द लिखा जाए, महाराष्ट्र प्रशासन में ‘गांधी वध’ शब्द पर प्रतिबंध लगाया जाए और हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन न किया जाए। मराठी विश्वकोश संपादकीय मंडल के प्रमुख डॉ. रवींद्र शोभने द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विश्वकोश के नवीनतम डिजिटल संस्करण में यह परिवर्तन दिखाई दे रहा है।
मुद्रित संस्करण में भी जल्द ही यही परिवर्तन किया जाएगा। मराठी विश्वकोश खंड-14 का प्रकाशन 1989 में हुआ था। तब से ‘गांधी वध’ शब्द विश्वकोश में है। नाथूराम के लिए एक सम्मानजनक संबोधन है। इस संबंध में याचिका वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर कोंडबत्तुनवार, डॉ. बबनराव नाखले, मराठा सेवा संघ के मधुकरराव मेहकरे, माथाडी नेता डॉ. हरीश धुरट, आनंद मांजरखेड़े ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दायर की थी।
‘गांधी वध’ शब्द से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि महात्मा गांधी दुष्ट, समाज के लिए खतरनाक और राक्षस थे, इसलिए वे ‘हत्या के योग्य’ थे। इस बात का खतरा है कि आने वाली पीढ़ियां इस निष्कर्ष पर विश्वास कर लेंगी। याचिका में कहा गया है कि समय रहते इस खतरे से बचा जाना चाहिए।
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नाथूराम गोडसे के महिमामंडन से बचने के लिए किए गए संशोधन के अनुसार अब इसका उल्लेख एक ही वाक्य में किया गया है- ‘नाथूराम गोडसे कभी संघ के सदस्य थे’ के स्थान पर संशोधित शब्द ‘नाथूराम गोडसे संघ के एक व्यक्ति थे’ का प्रयोग किया गया है।