पीएम मोदी ने नई योजना लॉन्च की (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों ‘प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना’, ‘राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती अभियान’ और ‘राष्ट्रीय दलहन अभियान’ का शुभारंभ समारोह नई दिल्ली के राष्ट्रीय विज्ञान संकुल, पूसा में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण (वेबकास्ट) देशभर में किया गया जिसमें महाराष्ट्र के सभी जिलों, तहसील मुख्यालयों, ग्राम पंचायतों, कृषि विज्ञान केंद्रों और बाजार समितियों में जनप्रतिनिधि व किसानों ने सहभाग दर्शाया।
महाराष्ट्र राज्य के नागपुर जिले में इस अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्था (सीआईसीआर), पांजरी, नागपुर में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य के वित्त, नियोजन, कृषि, मदद एवं पुनर्वास, विधि व न्याय, श्रम राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने की।
इन योजनाओं का उद्देश्य देश के 100 आकांक्षी जिलों में शाश्वत कृषि पद्धति को बढ़ावा देना, जमीन की उर्वरता में वृद्धि, फसलों की उत्पादकता बढ़ाना, जल संसाधनों का दक्ष उपयोग, भंडारण, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना है।
महाराष्ट्र के 9 जिले पालघर, रायगड़, धुले, छत्रपति संभाजीनगर, बीड, नांदेड़, यवतमाल, चंद्रपुर और गड़चिरोली इस योजना में शामिल किए गए हैं। इन जिलों के विकास के लिए जिला स्तर पर एक समिति गठित की गई है जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे। इसमें कृषि विकास से जुड़े अधिकारी, वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान और बैंक प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
इनके सामूहिक प्रयास से 5 वर्षीय कृषि विकास नियोजन तैयार कर योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से किसानों की उत्पादकता बढ़ाते हुए पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और कृषि क्षेत्र में आयात पर निर्भरता घटाकर आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
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इस अवसर पर सीआईसीआर के प्रभारी संचालक डॉ. ब्लेज डिसोजा, कपास विकास संचालनालय के संचालक डॉ. अरविंद वाघमारे तथा नागपुर विभाग के कृषि सहसंचालक उमेश घाटगे प्रमुख अतिथि थे। कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. माधव रेड्डी, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी रवींद्र मनोहरे तथा आत्मा परियोजना संचालक डॉ. अर्चना कड़ू के संयुक्त प्रयास से किया गया।
कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रयोगशील किसानों का सत्कार किया गया। इस मौके पर जिले के जनप्रतिनिधि, कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, कृषि विश्वविद्यालयों व कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक, कृषि पुरस्कार प्राप्त किसान, फसल प्रतियोगिता विजेता किसान तथा किसान उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।