
बैठक में मौजूद अधिकारी (फोटो नवभारत)
Washim Gender Test Prevention: भ्रूण हत्या और बिगड़ता लिंग अनुपात समाज के सामने गंभीर समस्या है। इसी संदर्भ में वाशिम जिला प्रशासन ने महिलाओं के सशक्तिकरण और लिंग जांच पर रोक लगाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। यदि जिले के नागरिक पीसीपीएनडीटी एक्ट या एमटीपी एक्ट के तहत लिंग निर्धारण करने वालों की विश्वसनीय जानकारी देते हैं और उसके आधार पर अपराध का पता चलता है, तो संबंधित मुखबिर को 1 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
यह योजना सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य भ्रूण हत्या रोकना, लिंग अनुपात सुधारना और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। 25 नवंबर को जिला सामान्य अस्पताल में पीसीपीएनडीटी जिलास्तरीय सलाहकार समिति की बैठक संपन्न हुई।
इस अवसर पर समिति अध्यक्षा डॉ. अलका मकासरे, जिला शल्य चिकित्सक एवं प्राधिकृत अधिकारी डॉ. अनिल कावरखे, एडवोकेट जीडी गंगावणे, डॉ. शिवनंदा आमले तथा विधि सलाहकार एडवोकेट राधा नरवलिया उपस्थित थे।
यह भी पढ़े:-पुरुष नसबंदी पखवाड़ा: भ्रांतियों को तोड़ने अकोला में बड़ा अभियान, परिवार नियोजन पर कर रहे जागरूक
वाशिम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सफल कार्रवाई की जानकारी देने वाले नागरिक की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। पंजीकरण के लिए http://amchimulgi।maha।in वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है। संपर्क हेतु राज्य पीसीपीएनडीटी टोल फ्री नंबर 18002334475 और 104 उपलब्ध हैं।
वाशिम जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या केवल कानून का मामला नहीं है, बल्कि इसके लिए सामाजिक जागरूकता आवश्यक है। यदि नागरिक पहल करें और प्रशासन को गैर-कानूनी गतिविधियों की जानकारी दें, तो एक बच्ची की जान बच सकती है और समाज का दृष्टिकोण बदल सकता है।
जिला परिषद के सीईओ अर्पित चौहान ने कहा कि नागरिकों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। यह बख्शीश योजना जागरूकता बढ़ाने और लैंगिक भेदभाव रोकने में मदद करेगी। जिला शल्य चिकित्सक डॉ. अनिल कावरखे ने इसे कन्या भ्रूण की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम बताया और कहा कि नागरिकों की जानकारी पर प्रशासन तुरंत कार्रवाई करेगा।






