हुनरबाज युवा और आत्मनिर्भर भारत (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: “भारत को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने के लिए शिक्षा को रोजगारपरक और कौशल उन्मुख बनाना होगा,” यह कहना है केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का। शुक्रवार को नागपुर में आयोजित एक शिक्षक परिसंवाद में उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य यही है कि देश को प्रशिक्षित और कुशल मानव संसाधन मिले, जो भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सके और भारत को विश्वगुरु बनाने के सपने को साकार कर सके।
यह कार्यक्रम मंथन संस्था द्वारा रेशीमबाग स्थित कवीवर्य सुरेश भट सभागार में आयोजित किया गया। मंच पर भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष दयाशंकर तिवारी, विधायक प्रवीण दटके, वरिष्ठ नेता संजय भेंडे, नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति सुभाष कोंडावार, डॉ. शैलेंद्र देवरणकर, डॉ. श्रीपाद ढेकणे, पूर्व विधायक नागो गाणार, मोहित शाह और विष्णु चांगदे समेत कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
गडकरी ने स्पष्ट किया कि सुविधाओं की उपलब्धता के बावजूद प्रशिक्षित मानव संसाधन की मांग लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “नई शिक्षा नीति में तकनीकी और रोजगारपरक शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है ताकि युवा पीढ़ी को आधुनिक कौशल और प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाया जा सके।” उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2020 में स्वीकृत इस नीति के उद्देश्यों को गहराई से समझना और उसे जमीनी स्तर तक लागू करना अत्यंत आवश्यक है।
मंत्री ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विश्वगुरु बनाने और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का सपना देखा है। लेकिन केवल आर्थिक प्रगति से यह संभव नहीं होगा। हमें अपनी संस्कृति, परंपराओं और जीवन मूल्यों को भी आत्मसात करना होगा।”
गडकरी ने शिक्षा की पारंपरिक समझ पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “शिक्षा को अक्सर अंकों की दौड़ समझ लिया जाता है, जबकि इसका वास्तविक अर्थ है। ज्ञान, कौशल और संस्कार का समन्वय। अगर हमें जिम्मेदार नागरिक तैयार करने हैं, तो हमें जागरूकता, प्रशिक्षण और शोध पर विशेष ध्यान देना होगा।”
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए युवाओं को उपयुक्त कौशल सिखाना अनिवार्य है। “यह समझना जरूरी है कि देश और दुनिया को किस तरह के कौशल की आवश्यकता है। हमें अपने युवाओं को वही प्रशिक्षण देना चाहिए ताकि वे स्वावलंबी बन सकें,” उन्होंने कहा। इसके अलावा, उन्होंने डिजिटल शिक्षा के विस्तार और आधुनिक तकनीक के उपयोग पर भी जोर दिया ताकि हर वर्ग तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंच सके।
अपने संबोधन में गडकरी ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे सिर्फ परीक्षा पास कराने तक सीमित न रहें, बल्कि विद्यार्थियों को जिम्मेदार नागरिक और कुशल मानव संसाधन के रूप में गढ़ें। “शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी दिलाना नहीं, बल्कि समाज को दिशा देना और देश को मजबूत बनाना होना चाहिए,” उन्होंने कहा।