नागपुर में बना पहला 'संविधान प्रस्तावना पार्क (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: संविधान निर्माता, मानवमुक्ति के मंत्रदाता और भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के शिल्पकार भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की दूरदृष्टि को समर्पित देश का पहला ‘संविधान प्रस्तावना पार्क’ अब पूरी भव्यता के साथ तैयार है। नागपुर के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर विधि महाविद्यालय परिसर में निर्मित यह पार्क केवल स्थापत्य सौंदर्य का प्रतीक नहीं, बल्कि संविधान की आत्मा को सजीव करने वाला वैचारिक तीर्थ है।
प्रस्तावना में निहित स्वतंत्रता, समानता, बंधुता और न्याय के अमूल्य आदर्शों को जनमानस तक पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार इस जीवंत स्मारक का लोकार्पण 28 जून को भारत के प्रधान न्यायाधीश डॉ. भुषण गवई के कर-कमलों से संपन्न होगा।
यह पार्क राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के अंतर्गत स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि महाविद्यालय परिसर में विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में समाहित मूल्यों को आम जनता, विशेषकर युवाओं तक पहुँचना है, जिससे वे भारत के लोकतांत्रिक आदर्शों को न केवल समझें, बल्कि उन्हें आत्मसात भी करें।
इस परियोजना की संकल्पना वर्ष 2016 में डॉ. आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर की गई थी, जबकि भूमि पूजन 2019 के संविधान दिवस पर किया गया। लगभग ₹10 करोड़ की लागत से तैयार इस पार्क के निर्माण में विश्वविद्यालय प्रशासन, सामाजिक न्याय विभाग तथा विभिन्न जनप्रतिनिधियों का सक्रिय योगदान रहा है।
संविधान की प्रस्तावना में वर्णित 10 मूल सिद्धांतों – स्वतंत्रता, समानता, न्याय, धर्मनिरपेक्षता, गणराज्यवाद, लोकतंत्र, समाजवाद, बंधुता, अखंडता और संप्रभुता – को विशेष शिलालेखों, चित्रमालाओं और कलात्मक स्थापनाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
नागपुर में बना पहला ‘संविधान प्रस्तावना पार्क’
परिसर के केंद्र में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 7.5 फीट ऊँची भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है, जो संविधान के मूल भावों का प्रतीक है। राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और सर्वोच्च न्यायालय की आकर्षक प्रतिकृतियाँ परिसर की शोभा बढ़ाती हैं।
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पार्क को तकनीक से सुसज्जित किया गया है। इसमें QR कोड आधारित ऑडियो गाइड, वर्चुअल रियलिटी अनुभव, और होलोग्राफिक प्रस्तुतियाँ शामिल हैं, जो संविधान की प्रस्तावना को जनमानस तक जीवंत रूप में पहुँचाने में सहायक होंगी। संविधान विषयक चर्चाओं और संवाद हेतु एम्फीथिएटर का भी निर्माण किया गया है।
यह पार्क केवल एक दर्शनीय स्थल नहीं, बल्कि विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों के लिए संविधान की मूल अवधारणाओं को समझने और आत्मसात करने की एक जीवंत पाठशाला है। यहां आयोजित होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रम, कार्यशालाएँ और दृश्य-श्रव्य प्रस्तुतियाँ नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाएंगी।
विशेष उपस्थिति में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उच्चतम न्यायालय और बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश, राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी और नागपुर विश्वविद्यालय के पदाधिकारी। यह उद्घाटन केवल एक संरचना के लोकार्पण का अवसर नहीं है, बल्कि नागपुर की पहचान को “संविधान नगरी” के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।