नागपुर रेलवे स्टेशन के सामने बने फ्लाईओवर को तोड़ा गया (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Railway Station Flyover Case: नागपुर रेलवे स्टेशन फ्लाईओवर को तोड़कर उसके स्थान पर 6 लेन रोड के विकास की योजना तैयार की गई। जिसके लिए फ्लाईओवर तोड़ते समय इसके नीचे की दुकानदारों का पुनर्वसन करने की भी योजना तैयार की गई। किंतु प्रशासन की ओर से उचित निर्णय नहीं लिए जाने के कारण लाइसेंसधारक दुकानदारों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम (MPSRTC) और महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम (MSRTC) और स्कूल की जमीन का उपयोग बदलने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने के आदेश महानगर पालिका को दिए थे। मनपा द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर किसी तरह का निर्णय नहीं होने पर हाई कोर्ट द्वारा कड़ी टिप्पणी की गई थी।
अब महाराष्ट्र सरकार की ओर से बताया गया कि प्रस्ताव राज्य सरकार के नगर विकास विभाग को भेजा गया है। जिस पर 4 सप्ताह के भीतर उचित निर्णय लिया जाएगा। जिसके बाद हाई कोर्ट ने अंतिम मौका देते हुए 31 जुलाई तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।
पिछली बार कोर्ट ने कहा था कि मनपा को 2 माह के भीतर प्रस्ताव भेजना था। किंतु ऐसा नहीं किया गया। यह स्पष्ट रूप से लाइसेंसधारियों की दुर्दशा के प्रति एनएमसी की असंवेदनशीलता को दर्शाता है, जिन्हें टिन की चादरों में बने अस्थायी व्यवस्था से काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
हाई कोर्ट ने नागपुर महानगर पालिका को कड़ी फटकार लगाते हुए 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी थी। किंतु आदेश जारी नहीं किया। कोर्ट का कहना था कि इस टिप्पणी से संभवत: एयर-कंडीशन्ड कार्यालयों में बैठे अधिकारियों को बेहतर समझ आएगी।
उल्लेखनीय है कि सैयद साकीर अली की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधि। महेश धात्रक और मनपा की ओर से अधि। जैमीनी कासट ने पैरवी की।
हाई कोर्ट के पिछले आदेशों के अनुसार सरकार को संशोधन के प्रस्ताव की अस्वीकृति पर पुनर्विचार और उसके लिए समयसीमा के संबंध में बयान देना है। कोर्ट का मानना था कि सड़क चौड़ीकरण की पूरी योजना एनएमसी, पीडब्ल्यूडी के माध्यम से राज्य और महामेट्रो के बीच एक समझौता थी। महामेट्रो केवल एक कार्यान्वयन एजेंसी है।
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इस प्रकार एनएमसी और पीडब्ल्यूडी के माध्यम से राज्य पर यह सुनिश्चित करने का दायित्व था कि एमएसआरटीसी, एमपीएसआरटीसी और नेहरू मॉडल स्कूल की भूमि को वाणिज्यिक क्षेत्र में परिवर्तित करने के लिए बुनियादी जमीनी कार्य पूरा हो गया था।
एनएमसी के लाइसेंसधारियों के पुनर्वास के लिए एक बहुमंजिला परिसर का निर्माण किया जा सके, जिन्हें फ्लाई ओवर के नीचे उनके कब्जे वाले परिसर से हटा दिया गया था। एग्रीमेंट की शर्तों के तहत एनएमसी अपने लाइसेंसधारियों के लिए पूरी योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है।