
जापान में फिर कांपी धरती, सांकेतिक तस्वीर
Japan Earthquake News In Hindi: जापान इन दिनों प्रकृति के प्रकोप का सामना कर रहा है। होक्काइडो और आसपास के उत्तरी क्षेत्रों में लगातार आ रहे शक्तिशाली भूकंपों ने लोगों में अफरा-तफरी मचा दी है। बुधवार सुबह होक्काइडो में 6.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसने पूरे इलाके को जोरदार तरीके से हिला दिया। यह झटका उस समय महसूस किया गया जब देश अभी दो दिन पहले आए 7.6 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के असर से उबर भी नहीं पाया था।
यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र (EMSC) के मुताबिक, बुधवार को आए 6.5 के भूकंप का केंद्र धरती के अंदर 57 किलोमीटर की गहराई पर था। इस वजह से झटके व्यापक क्षेत्र में महसूस किए गए। यह भूकंप सोमवार देर रात पूर्वोत्तर जापान में आए 7.5 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के महज 48 घंटे बाद आया, जिसने जापान के भूकंपीय हालात को और चिंताजनक बना दिया है।
सोमवार रात आओमोरी प्रांत के पास समुद्र में 54 किलोमीटर की गहराई पर आए 7.5 तीव्रता के भूकंप के बाद जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने होक्काइडो, आओमोरी और इवाते प्रांतों के लिए सुनामी चेतावनी जारी की थी।
अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि पूर्वोत्तर तट पर 3 मीटर तक ऊंची सुनामी लहरें उठ सकती हैं। हालांकि बाद में बंदरगाहों पर 20 से 70 सेंटीमीटर तक की छोटी लहरें दर्ज की गईं, जिसके बाद चेतावनी को मंगलवार सुबह कम करते हुए एडवाइजरी में बदल दिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, आओमोरी के कई इलाकों में झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों और दफ्तरों में संभल नहीं पाए। हाचिनोहे शहर में जापान के स्थानीय 1 से 7 के भूकंपीय तीव्रता पैमाने पर ‘6 से ऊपर’ का स्तर दर्ज किया गया। यह तीव्रता ऐसी होती है जिसमें खड़ा रह पाना लगभग असंभव हो जाता है और भारी फर्नीचर तक गिरने लगता है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पिछले भूकंप में कई लोग घायल हुए थे और कई क्षेत्रों में बिजली तथा यातायात सेवाओं पर भी असर पड़ा था। लगातार भूकंपों ने स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है। राहत और बचाव दल तटीय इलाकों में तैनात कर दिए गए हैं, जबकि लोगों से ऊंचे स्थानों पर रहने और सतर्क रहने की अपील की जा रही है।
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जापान दुनिया के सबसे भूकंप-संवेदनशील देशों में से एक है और लगातार आने वाले झटके इस बात की पुष्टि करते हैं कि इलाके में टेक्टोनिक गतिविधियां बेहद सक्रिय हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में भी झटकों का सिलसिला जारी रह सकता है।






