येनवा विद्युत उपकेंद्र से काटोल-नरखेड को मिलेगा बिजली का बूस्ट। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: काटोल और नरखेड तालुकों में पानी का स्तर 800 फीट तक नीचे चला गया है। ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में किसान जल का सावधानीपूर्वक नियोजन कर खेती कर रहे हैं। इन सभी समस्याओं की जानकारी सरकार को है और इनका समाधान निकालने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
पोखरा योजना के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं को यहां लागू किया जा रहा है। इस क्षेत्र में बिजली की समस्या के समाधान हेतु येनवा विद्युत उपकेंद्र को मंजूरी दी गई है। इस उपकेंद्र के कारण अब काटोल और नरखेड तालुका के किसानों को बिजली की कमी नहीं होगी, ऐसा विश्वास पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जताया।
पालक मंत्री बावनकुले के हाथों 220/33 केवी येनवा उपकेंद्र का भूमिपूजन और 220 केवी कलमेश्वर-काटोल-वरुड ट्रांसमिशन लाइन का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह प्रकल्प इस क्षेत्र के किसानों और उद्योगों को ऊर्जा की स्थिर आपूर्ति प्रदान करेगा।
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इस कार्यक्रम में विधायक चरणसिंह ठाकुर, पूर्व विधायक सुधाकर कोहले, महावितरण के मुख्य अभियंता दिलीप दोडके, अविनाश निंबालकर, सतीश अणे, उपविभागीय अधिकारी पियूष चिवंडे, पूर्व जिला परिषद सदस्य समीर उमप, मनोहर कुंभारे, दिनेश ठाकरे, सरपंच रीता ठाकरे और नरखेड पंचायत समिति के पूर्व सभापति राहुल हरणे उपस्थित थे।
पालक मंत्री ने आगे कहा कि महापारेषण (स्टेट ट्रांसमिशन ग्रिड) का नेटवर्क मजबूत करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। किसानों के लिए पानी, बिजली और सड़कें मूलभूत आवश्यकताएं हैं और इनके बिना विकास संभव नहीं। साथ ही, उन्होंने कहा कि तालाबों और बंधारों का गहरीकरण, मृद-संवर्धन और जल-संवर्धन के अंतर्गत भी कार्य किए जा रहे हैं।
इसके अलावा उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यहां के किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप के साथ-साथ विद्युत पंपों के लिए भी अनुमति दी जाएगी। उन्होंने स्थानीय पांदन (खेती से जुड़ी) सड़कों के निर्माण के निर्देश भी दिए और कहा कि विकास के लिए आवश्यक फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी। विधायक चरणसिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि इस उपकेंद्र से किसानों की कृषि को सहायता मिलेगी, क्षेत्र में उद्योगों को बल मिलेगा और इससे बेरोजगारी में भी कमी आएगी।