नागपुर न्यूज
Nagpur News: नागपुर के सोनेगांव पुलिस थानांतर्गत संपत्ति मालिक उषा प्रशांत चाफले ने किरायेदार अमृत दुर्गाप्रसाद सिन्हा से जबरदस्ती होटल खाली कराने का प्रयास किया। इसके लिए सिविल कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया। कोर्ट ने संपत्ति मालिक के व्यवहार की आलोचना करते हुए किरायेदार के पक्ष में फैसला सुनाया और संपत्ति के मालिक पर जुर्माना भी लगाया।
इसके बाद किरायेदार को होटल का कब्जा मिल गया लेकिन सोनेगांव पुलिस ने इसे कानून और व्यवस्था का मामला बताते हुए मामले को उपविभागीय अधिकारी (एसडीओ) को स्थानांतरित कर दिया। परिणामस्वरूप एसडीओ सुरेश बागड़े ने मामले की सुनवाई के बाद सिविल कोर्ट के आदेश को बदल दिया और संपत्ति का 25 प्रतिशत हिस्सा चाफले को देने और शेष संपत्ति को सील करने का आदेश दिया।
सिन्हा ने सिविल कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। याचिका की सुनवाई के दौरान सिविल कोर्ट ने एसडीओ सुरेश बागड़े और संपत्ति की मालिक उषा चाफले को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
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सिन्हा दंपति ने उषा चाफले से एक होटल किराये पर लिया था। इसमें 5 साल का अनुबंध हुआ था। होटल खाली कराने से पहले 90 दिन के नोटिस की शर्त रखी गई थी। सिन्हा दंपत्ति की सफलता को देखते हुए चाफले ने अपना इरादा बदल दिया और 12 अप्रैल को होटल खाली करने का नोटिस थमा दिया। अंगरक्षकों की मदद से होटल जल्दी खाली भी कर दिया लेकिन 15 अप्रैल को उषा ने खुद ही कोर्ट में सिन्हा के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया।