बुधवार बाजार काम्पलेक्स (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: नागपुर में महल इलाके में एक वाणिज्यिक इमारत के खतरनाक तरीके से झुक जाने के बाद मेसर्स बालाजी एसोसिएट्स और विजय केवलरामानी द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव, जिला आपदा प्रबंधन कमेटी, मनपा आयुक्त, महल जोन के सहायक आयुक्त और विदर्भ इन्फोटेक कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आलोक डागा और मनपा की अधिवक्ता जैमिनी कासट ने पैरवी की। याचिकाकर्ता की पैरवी कर रहे अधि. आलोक डागा ने कहा कि 28 जून 2025 को सुबह लगभग 9.45 बजे केवलरामानी परिवार की इमारत पास के एक निर्माण स्थल पर गहरी खुदाई (70-80 फीट) के कारण खतरनाक तरीके से झुक गई। खुदाई का काम ‘बुधवार बाजार वाणिज्यिक परिसर’ नामक एक विशाल वाणिज्यिक योजना के विकास के लिए किया जा रहा था जिसका ठेका नागपुर नगर निगम (NMC) ने विदर्भ इन्फोटेक बी पार्क एसपीवी प्रा.लि. को दिया है।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि ठेकेदार ने बिना किसी रिटेनिंग वॉल, शीट पाइलिंग या नींव सुरक्षा उपाय के लापरवाही से खुदाई की। घटना के बाद इमारत का मुख्य शटर ढह गया, फर्श में दरारें आ गईं और शीशे टूट गए। अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने याचिकाकर्ता विजय केवलरामानी को इमारत में प्रवेश न करने की स्पष्ट चेतावनी दी क्योंकि यह रहने के लिए असुरक्षित हो गई थी।
इसके बावजूद मनपा के अधिकारियों ने 28 जून 2025 की शाम को याचिकाकर्ता को अपनी ही इमारत को ध्वस्त करने का नोटिस भी जारी कर दिया। याचिकाकर्ता का परिवार दशकों से इस इमारत से कई व्यवसाय चला रहा था। 16 अक्टूबर 2024 को संपत्ति मेसर्स बालाजी एसोसिएट्स को बेच दी गई थी लेकिन परिवार वहीं से व्यवसाय जारी रखे हुए था। इस घटना ने उन्हें बेघर और बेरोजगार कर दिया है जिससे उनकी आजीविका का गंभीर नुकसान हुआ है और दुकान में रखा खराब होने वाला सामान बर्बाद हो रहा है।
याचिका में बताया गया कि 1 जुलाई 2025 को कोतवाली पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की गई जिसमें संज्ञेय अपराधों का खुलासा होने के बावजूद कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। 2 जुलाई 2025 को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जिलाधिकारी) के समक्ष आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत शिकायत/प्रतिनिधित्व दायर किया गया।
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4 जुलाई 2025 को डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, जोन III, नागपुर के समक्ष भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 173(4) के तहत एक आवेदन दिया गया। 4 जुलाई 2025 को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत एनएमसी से कार्य आदेश, टेंडर संबंधी दस्तावेज और निरीक्षण रिपोर्ट की प्रमाणित प्रतियां मांगी गईं। एनएमसी ने अधिकांश दस्तावेज उपलब्ध कराने में असमर्थता व्यक्त की।