नाना पटोले, उद्धव ठाकरे व शरद पवार (सोर्स: एएनआई)
नागपुर: ‘इलेक्टिव मेरिट’ के आधार पर सीटें आवंटित करने के फैसले से महा विकास आघाड़ी में शामिल घटक दलों में नाराजगी है। यदि ऐसा हुआ तो शहर में कांग्रेस के घटक दलों को एक भी सीट नहीं मिलेगी। जैसा कि कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह शहर की सभी 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इससे ठाकरे गुट और राष्ट्रवादी शरद पवार गुट में बेचैनी है। चुनाव नजदीक होने के कारण इन दोनों पार्टियों के पदाधिकारियों को लगता है कि कुछ करना चाहिए।
महायुति की तरह महा विकास आघाड़ी में भी 3 पार्टियां हैं। जो चिंता महायुति में है वही चिंता महा विकास आघाड़ी में भी है। इसलिए इन सीटों को लेकर मारामारी है। महा विकास आघाड़ी के सहयोगी दल कम से कम शहर में एक सीट चाहते हैं। ठाकरे गुट इसके पूर्व शहर में दक्षिण नागपुर और पूर्वी नागपुर सीट पर चुनाव लड़ चुका है। उसी कसौटी पर ठाकरे गुट चुनावी मैदान में होने का दावा कर रहे हैं। इसलिए यह गुट इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों से कम से कम एक सीट पाने की मांग कर रहा है।
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शिवसेना ठाकरे गुट का कहना है कि पार्टी का अस्तित्व शहर में भी बना रहना चाहिए। दोनों सीटों पर पार्टी की ओर से उनके उम्मीदवार हैं। इसलिए उन्होंने सीट आवंटन के समय दावा दायर करने का फैसला किया है। इस बीच ठाकरे गुट के कुछ नेताओं ने मुंबई में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और पिछले चुनावों में पार्टी के संगठन के बारे में जानकारी दी।
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इसके अलावा जब सांसद संजय राउत नागपुर आए थे तो उन्होंने भी इन दोनों सीटों की मांग की थी। ऐसे में नागपुर में सीटों को लेकर असमंजस की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। महा विकास आघाड़ी में सीट शेयरिंग पर चर्चा शुरू हो चुकी है। सभी दल अपने-अपने पासे फेंक रहे हैं। हर दल अपना पक्ष मजबूत करने की काेशिशों में जुटा है ताकि विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़ सके।