जिला कलेक्टर विपिन इटनकर (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: नागपुर जिले में टाइगर रिजर्व और अभयारण्य के आसपास के इको सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) क्षेत्र में विकासात्मक गतिविधियों के लिए अब तत्काल अनुमति दी जाएगी। पहले इस अनुमति में समय लगता था, क्योंकि यह विभिन्न विभागों से संबंधित होती थी। इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी एवं सरल बनाने के लिए शीघ्र ही एक विशेष ऐप उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे विकास कार्यों से संबंधित किसी भी परियोजना की स्वीकृति प्रक्रिया में सभी संबंधित विभागाध्यक्षों के समन्वय से तेजी लाई जा सकेगी, ऐसा जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर ने कहा।
प्रशासनिक कार्यों में तकनीकी दक्षता बढ़ाने, एआई तकनीक का उपयोग करने और इस प्रकार पारदर्शिता बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार पारदर्शी प्रशासन के लिए यह ऐप विकसित किया जा रहा है। जिला कलेक्टर विपिन इटनकर ने बताया कि यह मोबाइल आधारित ऐप आगामी दिनों में क्रियाशील हो जाएगा।
चूंकि रामटेक, उमरेड और नागपुर तालुका क्षेत्रों में बाघ अभयारण्य हैं, इसलिए उनके आस-पास के क्षेत्रों को संरक्षित क्षेत्र माना जाता है। इस पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) में विनियमित विकास गतिविधियों के लिए अनुमति दी गई है। चूंकि इसमें वन विभाग, प्रदूषण विभाग, राजस्व विभाग एवं अन्य विभागों की अनुमति प्रक्रिया शामिल है, इसलिए इसमें अधिक सुसंगति एवं सरलता लाना आवश्यक था। राजस्व मंत्री तथा पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा दिए गए निर्देशानुसार अब ऐप के माध्यम से अनुमति प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
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ऐप के संबंध में निर्णय जिला कलेक्टर कार्यालय में डॉ. इटनकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में नागपुर वन विभाग के उप वन संरक्षक (डीसीएफ) भरत सिंह हाड़ा, पेंच टाइगर रिजर्व के सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) संदीप भारती और उप-विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में ईएसजेड परमिट की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई तथा कठिनाइयों को समझा गया।
यह नई प्रणाली भारत सरकार की ‘व्यापार करने में आसानी’ पहल के अनुरूप है और इसका उद्देश्य जिम्मेदार पर्यटन और नियोजित विकास को बढ़ावा देना है। इससे पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाए रखते हुए स्थानीय नागरिकों के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ाने का लक्ष्य हासिल होगा। यह पहल संरक्षण उपायों को मजबूत करने और पर्यावरण अनुकूल विकास को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।