
महायुति सरकार का एक साल पूरा (डिजाइन फोटो)
Mahayuti Government Report Card: महाराष्ट्र में महायुति सरकार के सत्ता में एक वर्ष पूरा होने पर सरकार के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए एक समूह द्वारा किए गए सर्वेक्षण और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं ने वर्षभर के कामकाज की मिली-जुली तस्वीर पेश की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार को बुनियादी ढांचे और कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जबकि भ्रष्टाचार के मामलों पर जनता की राय विभाजित है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने सत्ता संभालते ही ‘ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ अपनाने की घोषणा की थी। सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता लाने के लिए डीबीटी (डाइरेक्ट बेनीफीट ट्रांसफर) जैसे कदम भी लागू किए गए। हालांकि, भ्रष्टाचार पर जनता की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है।
सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 13% लोगों ने दोषियों पर हो रही कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया। वहीं, 40.03% लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार करने वालों पर और अधिक कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। बड़ी संख्या में (लगभग 36.8%) लोगों को लगता है कि पर्याप्त कार्रवाई नहीं हो रही है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि जनता का एक बड़ा हिस्सा अभी भी भ्रष्टाचार के खिलाफ और सख्त कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहा है। तो वहीं कानून और व्यवस्था के मोर्चे पर जहां गृह विभाग का प्रभार स्वयं मुख्यमंत्री फडणवीस ने संभाला था, सरकार को सफलता मिली है। पुलिस बल में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए। इसका प्रतिफल सर्वेक्षण में नजर आया।
सर्वेक्षण में 66.6% लोगों का मानना है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है। इसमें 16.1% लोगों को काफी सुधार महसूस हुआ है, जबकि 50.5% लोगों को थोड़ा सुधार महसूस हुआ है। लेकिन 33.3% लोगों का मानना है कि स्थिति बिगड़ी है।
बुनियादी ढांचा विकास में महायुति सरकार का प्रदर्शन सर्वाधिक प्रभावी रहा है। लोगों का मानना है कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने बुनियादी ढांचे पर सर्वाधिक 42.7% काम किया है। यह एकनाथ शिंदे (24.6%), उद्धव ठाकरे (22.4%) और पृथ्वीराज चव्हाण (10.3%) के नेतृत्व वाली पिछली सरकारों से अधिक है।
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सरकार की उपलब्धियों का ‘रिपोर्ट कार्ड’ पेश करते हुए कहा कि नीतिगत निर्णय ‘महाराष्ट्र के दीर्घकालीन विकास के लिए निर्णायक’ हैं। उन्होंने समृद्धी महामार्ग को पूर्ण क्षमता से शुरू करने, शक्तिपीठ महामार्ग की तैयारी, मुंबई के लिए मेट्रो लाइन 11 को मंजूरी और पीएम आवास योजना में लगभग 5 लाख घरों को पूरा करने, जलसंचय क्षमता बढ़ाने और जलयुक्त शिवार 2.0 के तहत 37,166 काम पूरे होने की भी जानकारी दी।
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महायुति सरकार की वर्षगांठ पर विपक्ष ने तीखी आलोचना की है। शिवसेना नेता अंबादास दानवे ने सरकार की ‘उपलब्धि’ बताते हुए 15 बिंदुओं पर तंज कसा। उनका आरोप है कि सत्ताधारी पार्टियों में परस्पर अविश्वास है, भ्रष्टाचार करने वालों को राजश्रय दिया जा रहा है और किसान संकट में है। उन्होंने कहा, “घपले करने से नहीं डरती महायुति”
कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन जनता निराश है। किसानों की आत्महत्या और महिला पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। खस्ताहाल सड़कों के कारण लोग हादसों में मर रहे हैं। सरकार लोकतंत्र और संविधान को महत्व नहीं देती है। यही वजह है कि विधानमंडल में विपक्षी नेता का पद रिक्त रखा गया है। इसलिए सरकार को अपने एक साल के कार्यकाल पर श्वेत पत्रिका जारी करनी चाहिए।






