
महायुति (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Mahayuti Seat Sharing: मनपा चुनाव के लिए नामांकन भरने की तारीख करीब आने के बावजूद नागपुर में महायुति को लेकर अब तक कोई हलचल शुरू नहीं हुई है। महायुति में शामिल शिंदे सेना और NCP अजित पवार गुट भाजपा के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। बीजेपी ने 39 वार्डों में इच्छुक उम्मीदवारों के साक्षात्कार पूरे कर लिए हैं। NCP अजित पवार गुट ने अपने उम्मीदवारों की सूची प्रदेशाध्यक्ष को भेज दी है।
इस बीच शिंदे सेना ने भी अपने 50 उम्मीदवारों की सूची भाजपा को सौंपी है। पार्टी सूत्रों ने बताया किया कि जिन प्रभागों में शिंदे सेना के मजबूत उम्मीदवार हैं उन्हीं की सूची दी गई है। शिंदे सेना महायुति के संदर्भ में बीजेपी के निर्णय का इंतजार कर रही है। अगर युति (गठबंधन) नहीं हुआ तो उसने अपना ‘प्लान-बी’ भी तैयार कर रखा है, जिसके तहत वह लगभग सभी प्रभागों में अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
फिलहाल शिंदे सेना के नेता एवं विधायक कृपाल तुमाने, पूर्व विदर्भ संगठक किरण पांडव और जिलाध्यक्ष सूरज गोजे ने भाजपा के चुनाव प्रभारी एवं विधायक प्रवीण दटके, अनिल सोले तथा गिरीश व्यास को 50 उम्मीदवारों की सूची सौंपी है। भाजपा ने अपने साक्षात्कार पूरे करने के बाद शिंदे सेना से आई सूची पर पार्टी नेतृत्व स्तर पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।
भाजपा गठबंधन को लेकर क्या निर्णय लेगी, इस पर शिंदे सेना की नजर है। यदि भाजपा गठबंधन को अंतिम समय तक टालती है तो शिंदे सेना भी 175 उम्मीदवारों के साक्षात्कार लेने की तैयारी में है। पार्टी के पास लगभग 250 इच्छुक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इनमें से 175 ने औपचारिक आवेदन जमा किए हैं।
इन आवेदनों को प्रभाग के अनुसार अलग-अलग किया गया है। भाजपा अगर नागपुर मनपा चुनाव में एकला चलो रे की भूमिका अपनाती है तो फिर शिंदे सेना चुनाव लड़ने के सभी इच्छुकों में सक्षम उम्मीदवार लगभग हर प्रभाग में उतारने का निर्णय ले सकती है।
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सीटों के बंटवारे को लेकर महायुति में राज्य भर में एकमत नहीं दिख रहा है। मुंबई में महायुति साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी लेकिन बाकी महानगर पालिकाओं में गठबंधन को लेकर पेंच फंसा हुआ है। ठाणे में भाजपा और शिंदे सेना के बीच तालमेल नहीं बन पा रहा है। पुणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस भाजपा के साथ नहीं जाना चाहती। वहीं नागपुर में भाजपा दोनों ही दलों को साथ नहीं लेना चाहती।
इस कारण तीनों दलों में सहमति नहीं बन पा रही है। अजित पवार गुट चर्चा के लिए समय मांग रहा है लेकिन भाजपा नेताओं को शीर्ष स्तर से हरी झंडी नहीं मिलने के कारण चर्चा आगे नहीं बढ़ रही है। इसलिए राष्ट्रवादी कांग्रेस ने भी अधिक इंतजार न करते हुए अपने उम्मीदवारों की सूची मंजूरी के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भेज दी है।






