
स्मार्ट मीटर पर सीएम देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-सोशल मीडिया)
MSEDCL Smart Meter: राज्य विधानसभा में स्मार्ट मीटर लगाने के विवादास्पद मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि सामान्य ग्राहकों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जाएंगे और जो मीटर लगाए जा रहे हैं वे अब पोस्टपेड हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि उपभोक्ताओं की गैर मौजूदगी में जबरन मीटर बदलने की प्रक्रिया को रोका जाएगा और इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा।
सदस्यों ने सदन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कोंकण क्षेत्र में कई लोग नौकरी के लिए मुंबई या पुणे चले जाते हैं जिस कारण उनके घर बंद रहते हैं। उन्होंने शिकायत की कि एमएससीबी के अधिकारी ऐसे बंद घरों के ताले तोड़कर पुराने मीटर हटा रहे हैं और और नए मीटर जबरन लगा रहे हैं।
सदस्य ने जोर देकर पूछा कि क्या सरकार इस जबरन मीटर लगाने की प्रक्रिया को बंद करेगी? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि अनुपस्थित व्यक्ति के घर पर मीटर बदलना गलत है। उन्होंने आदेश दिया कि मीटर तभी लगाए जाएंगे जब उस स्थान पर व्यक्ति उपस्थित हो।
उन्होंने यह भी बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय शासनादेश के तहत लिया गया था क्योंकि यह केंद्र सरकार की 29,000 करोड़ की आरडीएस (RDS) योजना का एक हिस्सा था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार अपनी पहले की घोषणा पर कायम है कि सामान्य ग्राहकों के लिए प्रीपेड मीटर नहीं लगाए जाएंगे। पहले जो विरोध था वह प्रीपेड मीटर को लेकर था लेकिन अब ये स्मार्ट मीटर पोस्टपेड हैं।
स्मार्ट मीटर के लाभों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक लगाए गए स्मार्ट मीटरों में एक प्रतिशत से भी कम खराबी (फॉल्ट) पाई गई है। उन्होंने कहा कि जिन घरेलू उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं उनके 99 प्रतिशत से अधिक बिलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
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ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए जो स्मार्ट मीटर लगवाते हैं उन्हें 10% की ब्लॉक रिबेट (छूट) भी दी गई है। इन मीटरों में एक एप की सुविधा भी है। जिसके माध्यम से उपभोक्ता हर घंटे की बिजली खपत की रिपोर्ट देख सकते हैं और उसे सत्यापित कर सकते हैं। इसके अलावा, 24 घंटे शिकायत प्रबंधन प्रणाली (कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम) भी स्थापित की गई है।






