
सीएम देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-IANS)
Maharashtra Assembly Winter Session: राज्य सरकार ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है, जिसमें महायुति के तीनों नेताओं ने मिलकर फैसले लिए, फिर लगातार उन्हें लागू करने का प्रयास किया। सरकार के 2035 के ‘अमृत महोत्सवी महाराष्ट्र’ और 2047 के विकसित महाराष्ट्र के लिए रोडमैप तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करने की जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में दी।
1. शक्तिपीठ एक्सप्रेसवेः नागपुर से गोवा तक प्रस्तावित यह महामार्ग मराठवाड़ा क्षेत्र का कायापलट करेगा। यह 18 घंटे की यात्रा को 8 घंटे तक कम कर देगा। यह मार्ग महाराष्ट्र के 32 जिलों को पोर्ट कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
2. जनकल्याण एक्सप्रेसवे : मुंबई-कल्याण-लातूर-हैदराबाद महामार्ग बनने से मुंबई से हैदराबाद का सफर 707 किमी से घटकर 590 किमी रह जाएगा। मुंबई से लातूर तक का सफर लगभग साढ़े चार घंटे का हो जाएगा। इसके अलावा मुंबई मे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है।
विधानसभा का शीत सत्र रविवार को खत्म हो गया। अगला सेशन 23 फरवरी से मुंबई में होगा।
राज्य में कानून और व्यवस्था को मजबूत करने के लिए नए कानूनों को लागू किया गया है। नए कानूनों के बाद दोषसिद्धि की दर में भारी वृद्धि हुई है। अक्टूबर 2024 में दोषसिद्धि का प्रतिशत 50% था, जो अब बढ़कर 96.24% तक पहुंच गया है। मुंबई में लापता बच्चों और महिलाओं को वापस लाने की दर 99% है। ऑपरेशन मुस्कान और ऑपरेशन शोध के माध्यम से 41,193 लापता बच्चों और लड़कियों को खोजकर उनके घर पहुंचाया गया।
नागपुर में सप्ताह भर चले शीत सत्र अधिवेशन से विदर्भ की जनता को कुछ नहीं मिला। किसान भी मुंह ताकते रह गए। केवल पूरक मांगों के लिए अधिवशेन लेने की आलोचना विपक्ष ने संयुक्त पत्रकार परिषद में की। शिवसेना उद्धव गुट के नेता भास्कर जाधव ने कहा कि अधिवेशन सरकारी खजाने से चुनाव में पैसा खर्च करने के लिए रखा गया।
सरकार ने जो कुछ घोषणाएं की वे मुंबई, ठाणे, नई मुंबई के लिए थीं, लेकिन विदर्भ के लिए एक भी घोषणा नहीं की गई। जाधव ने आलोचना करते हुए कहा कि यह अधिवेशन विदर्भ के लोगों के साथ धोखा है।
यह भी पढ़ें – 48 घंटे की CBI रेड से हिली कोयले की काली सल्तनत, महाघोटाले का हुआ भंडाफोड़, मगरमच्छों पर कसा शिकंजा
अधिवेशन महानगर पालिका चुनाव को ध्यान में रखकर रखा गया। सचिन अहीर के सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में सवाल पूछने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। विदर्भ के धान, सोयाबीन और कपास के किसान उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की। कांग्रेस विधान मंडल नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य का युवा ड्रग्स के जाल में फंसता जा रहा है। उस पर ठोस उपाय योजना नहीं की गई।






