
अस्पताल का काम अधूरा (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Hospital Construction Incomplete: नागपुर–अमरावती महामार्ग पर भीषण दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात कोंढाली क्षेत्र के ग्रामीण अस्पताल का काम गत 5 वर्षों से ठप है। सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को उपचार तथा जरूरतमंद आदिवासी नागरिकों को त्वरित व आधुनिक उपचार सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोंढाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को ग्रामीण अस्पताल का दर्जा तो 2013 में ही प्राप्त हो गया, परंतु इसका निर्माण कार्य पिछले पांच वर्षों से ठप पड़ा है।
महाराष्ट्र विधानसभा के गत अधिवेशन में काटोल के तत्कालीन विधायक अनिल देशमुख ने इस अपूर्ण अस्पताल के कार्य हेतु अतिरिक्त विकास निधि मंजूर करने की मांग की थी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने विधानसभा के पटल पर “आठ दिनों में निधि मंजूर की जाएगी” यह आश्वासन भी दिया था।
निधि मंजूर भी हुई किंतु आज तक ग्रामीण अस्पताल शुरू नहीं होने से जयरतमंद आदिवासी लोगों को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है समय पर उपचार न होने के कारण दुर्घटना में कई घायलों की मृत्यु हो रही है। ग्रामीण अस्पताल का निर्माण 90 कार्य पूरा, शेष 10 कार्य निधि के अभाव में रुका है।
जानकारी अनुसार कोंढाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को ग्रामीण अस्पताल में दर्जोन्नत करने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग ने 24 जून 2013 को मंजूर किया था। निर्माण के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये लोकनिर्माण विभाग को प्रदान किए गए थे तथा 26 जून 2014 को भूमिपूजन संपन्न हुआ। वर्ष 2017 तक भवन निर्माण का लगभग 70 प्रश कार्य पूरा भी कर दिया गया किंतु शेष 30 प्रश कार्य के लिए आवश्यक निधि उपलब्ध न होने से निर्माण अधूरा रह गया और अस्पताल का कार्य 2017 से आज तक ठप पड़ा था।
2022 में पूर्व विधायक अनिल देशमुख द्वारा बार-बार विकास निधि की मांग करने पर 2023 में विकास निधि मंजूर हुई। अनिल देशमुख ने फिर उठाया मुद्दा जिस पर अतिरिक्त विकास राशि हेतु पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिये गये। 2019 में पुनः विधायक चुने गए अनिल देशमुख ने पहले ही समीक्षा बैठक में ग्रामीण अस्पताल के ठप्प पड़े कार्य को पूरा कराने पर जोर दिया था।
उन्होंने लोकनिर्माण विभाग से शेष कार्य का अनुमान (इस्टीमेट), स्टाफ क्वार्टर, उपकरणों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर नया प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था। पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव तैयार कर मंत्रालय भेज दिया है, लेकिन अंतिम मंजूरी का इंतजार जारी है।
नागपुर जिला परिषद स्वास्थ्य समिति के सदस्य सलील देशमुख ने विगत समय स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत से मुलाकात कर कोंढाली ग्रामीण अस्पताल के अपूर्ण काम की गंभीर स्थिति बताई और अतिरिक्त निधि शीघ्र मंजूर करने की मांग की। सलील देशमुख ने बताया कि कोविड–19 महामारी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के कारण निधि स्वीकृति में देरी हुई, परंतु अब क्षेत्र की स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए निर्णय तुरंत लेने की आवश्यकता है।
कोंढाली के ग्रामीण अस्पताल क्षेत्र में 22 ग्राम पंचायतें, 43 गांव, 64 आंगनवाड़ी, 34 ज़िला परिषद स्कूलें, 06 निजी स्कूल, 08 माध्यमिक स्कुल,04 अनुदानीत माध्यमिक,एक महाविद्यालय,दो कनिष्ठ महाविद्यालय,05 छात्रावास आते हैं। यहां की कुल जनसंख्या 42,116 है, जिनमें बहुतांश गरीब आदिवासी पिछड़ी जाति तथा घुमंतू समाज की जनसंख्या भी अधिक है।
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इस क्षैत्र मे कोंढाली प्राथमिक स्वास्थ केंद्र यह एकमात्र स्वास्थ केंद्र है जहां ओपीडी—34,821, दुर्घटनाओं में गंभीर घायल 772 कोंढाली स्वास्थ्य केंद्र द्वारा वर्षभर में ओपीडी 34,821 मरीज, आईपीडी: 1,512, एमएलसी: 779, शल्यक्रिया: 167, प्रसूति: 454,परिवार नियोजन शस्त्रक्रिया 334, गंभीर दुर्घटनाग्रस्त मरीज: 772 का उपचार किया गया है।
नागपुर–अमरावती महामार्ग पर कोंढाली क्षेत्र भीषण दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात है इस मार्ग पर दुर्घटनाओं में घायलों को उपचार के लिये कोंढाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जाता है पर कोंढाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध न होने के कारण सिर्फ मरहम पट्टी कर नागपुर भेजा जाता है। बहुतांश गंभीर घायल नागपुर पहुंचने के पहले ही मृत्यु हो जाती है। इसलिए ट्रामा केयर यूनिट की सुविधा के साथ कोंढाली में ग्रामीण अस्पताल जल्द शुरू होना आवश्यक है।
लोकनिर्माण विभाग (नागपुर–2) के विभागीय अधिकारी गिरी ने बताया कि अतिरिक्त निधि का प्रस्ताव मंत्रालय में विचाराधीन है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य पुनः आरंभ किया जायेगा।






