लबालब बांध (फाइल फोटो)
Nagpur News: लौटता मानसून अभी शेष है और जिले के सिंचाई प्रकल्प लबालब हो चुके हैं। हालांकि बीते वर्ष की तुलना में बड़े 5 प्रकल्पों में अभी भी पानी का स्टाक 10 फीसदी कम है लेकिन मध्यम व लघु प्रकल्पों की बात करें तो कुल 45 प्रकल्प 100 फीसदी लबालब भर चुके हैं। कुछ भरने की कगार पर हैं। बड़े प्रकल्पों की बात करें तो पेंच के तहत आने वाले 3 प्रकल्पों में तोतलाडोह 3 अगस्त तक 87.21 फीसदी भर चुका है।
3 अगस्त 2024 में इस प्रकल्प का जलस्तर 99.06 प्रतिशत पर था। नवेगांव खैरी अब तक 91.67 प्रतिशत भरा है जो बीते वर्ष 99.99 फीसदी भर चुका था। रामटेक स्थित खिंडसी जलाशय में बीते वर्ष की तुलना में अभी भी पानी का स्तर 23 फीसदी कम है। बीते वर्ष यह प्रकल्प 99.51 प्रतिशत लबालब हो चुका था लेकिन इस वर्ष आज की तारीख में जलस्तर 76.15 फीसदी तक पहुंच पाया है।
निम्न वेणा स्थित दो बड़े प्रकल्पों की बात करें तो वड़गांव डेम 96.56 फीसदी भर गया है जबकि बीते वर्ष इसका जलस्तर 93.42 प्रतिशत था। नांद डेम बीते वर्ष 93.68 फीसदी भरा था और इस वर्ष इसका जलस्तर 98.25 फीसदी तक पहुंच चुका है। इस सभी बड़े 5 प्रकल्पों का औसत जलस्तर देखें तो अब तक ये 88.14 फीसदी भर चुके हैं। बीते वर्ष इनका जलस्तर 98.46 फीसदी पहुंच चुका था।
जिले के 12 मध्यम प्रकल्पों में से 8 तो 100 फीसदी भर चुके हैं। इनमें मकरधोकड़ा, पांढराबोडी, सायकी, चंद्रभागा, मोरधाम, केसनाला, कोलार और जाम का समावेश है। बीते वर्ष कान्होलीबारा 100 फीसदी भर चुका था लेकिन इस वर्ष इसका जलस्तर अभी 79.48 फीसदी पर पहुंचा है। वेणा 93 फीसदी भरा है जिसका जलस्तर पिछले वर्ष 94.40 फीसदी तक पहुंच गया था।
सावनेर तहसील का उमरी डैम बीते वर्ष सौ प्रतिशत लबालब हो गया था लेकिन इस वर्ष यह 86.48 प्रतिशत पर है। वहीं खेकरानाला डैम की स्थिति भी अच्छी है। जलस्तर 92.12 फीसदी को छू रहा है जो बीते वर्ष 90.37 प्रतिशत पर था। मध्यम प्रकल्पों की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में अच्छी है। औसत देखें तो ये 95.39 प्रतिशत भर चुके हैं जो बीते वर्ष 92.30 प्रतिशत पर थे।
जिले में 60 लघु प्रकल्प हैं और आज की स्थिति में इनमें 37 प्रकल्प पूरी तरह भर चुके हैं। वहीं 9 ऐसे प्रकल्प हैं जिनका जलस्तर 75 से 99 फीसदी तक पहुंच गया है। मतलब पानी की कोई कमी नहीं है। 10 ऐसे प्रकल्प हैं जिनका जलस्तर 50 से 75 फीसदी तक पहुंचा है। केवल 4 ही ऐसे हैं जो अभी आधे खाली हैं। औसत की बात करें तो ये 92.43 फीसदी भर चुके हैं। पिछले वर्ष भी लगभग यही स्थिति थी. 2024 में इनका जलस्तर 3 अगस्त के दिन 93.22 प्रतिशत पर था।
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प्रकल्प | संख्या | जलस्तर |
---|---|---|
बड़े | 5 | 88.14 |
मध्यम | 12 | 95.39 |
लघु | 60 | 92.43 |
कुल | 77 | 89.23 |